श्राद्ध पक्ष की अष्टमी तिथि पर 29 सितंबर को होगी गजलक्ष्मी हाथी पूजा

श्राद्ध पक्ष की अष्टमी तिथि पर 29 सितंबर को गज लक्ष्मी हाथी पूजा की जाएगी। इस पूजन को करने से धन संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। वेद में देवी लक्ष्मी को श्री भूमि, प्रिय सखी कहा गया है। श्री का अर्थ है लक्ष्मी। श्राद्ध पक्ष में आने वाली अष्टमी तिथि को लक्ष्मी जी का वरदान प्राप्त है। इस दिन सोना खरीदने का महत्व है। मान्यता है। कि इस दिन खरीदा सोना 8 गुना बढ़ता है। साथ ही खरीदारी के लिए यह दिन उपयुक्त माना गया है। इस दिन हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद माता लक्ष्मी के 8 रूपों की भी पूजा होती है। लक्ष्मी के 8 रूपों में से गजलक्ष्मी स्वरूप को कलयुग में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गजलक्ष्मी का महापर्व सूर्य ग्रह के स्थिति से संबंधित है। सूर्य का वार्षिक प्रारंभ मेष से होता है। अर्धवार्षिक काल में जब सूर्य सिंह राशि को पार करता हुआ कन्या राशि में आता है, तब महालक्ष्मी के गज लक्ष्मी स्वरूप की पूजा का विधान बनता है। इस व्रत में षोडश यानी 16 की संख्या की महत्वता है। जिसमें 16 उपायों से षोडशोपचार पूजा होती है। बेसन से बने सोलह श्रंगार गजलक्ष्मी को चढ़ाए जाते हैं। 16 बोल की एक कहानी की कथा कही जाती है।

क्षमावाणी कार्यक्रम का आयाेजनः नई सड़क स्थित चंपाबाग बगीची में गुरुवार को मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर नागिरक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे। क्षमावाणी कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज से श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। क्षमावाणी में सिंधिया ने कहा कि केवल कार्यक्रम में उत्तम क्षमा मांगना ही सही नहीं है, आंखों में भी झलकना चाहिए। आज क्षमावाणी का पर्व है,मैं क्षमा मांगता हूं। मुझसे गलती हुई है, मैं 45 मिनट देरी से आया हूं।

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