जिलें में गिरदावरी का कार्य हो रहा प्रभावित, भुइंया साफ्टवेयर में आई तकनीकी गड़बड़ी

बिलासपुर। भुइंया साफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण गिरदावरी का कार्य प्रभावित हो रहा है। राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर प्रदेशभर के पटवारियों को एक अगस्त से गिरदावरी कार्य प्रारंभ करने के लिए कहा है। यह कार्य 30 सितंबर तक पूरा करना है। बीते एक पखवाड़े से साफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण किसानों के खेत और लगी फसल की जानकारी अपलोड नहीं हो पा रही है। इससे पटवारियों के साथ ही किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

भुइंया साफ्टेवयर मेें गिरदावरी की विस्तृत जानकारी अपलोड ना होने के कारण किसानों का समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए समितियों में पंजीयन नहीं हो पाएगा। पंजीयन ना होने की स्थिति में समितियों के माध्यम से धान नहीं बेच पाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो इसका ठिकरा राजस्व अमले पर फूटेगा। पटवारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गाज गिरनी भी तय है। जाहिर है पटवारियों की भी परेशानी कुछ नहीं है।

पटवारी गांव जाकर किसानों के खेत और खड़ी फसल की फोटो अपने मोबाइल से खींच रहे हैं। फोटो खींचने के बाद जैसे ही एप में अपलोड कर रहे हैं, एप में फोटो व अन्य जानकारी अपलोड नहीं हो रही है। प्रक्रिया को फेल बता दिया जाता है। गिरदावरी का काम पेंडिंग होता जा रहा है। राजस्व विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में अब भी 20 फीसद गिरदावरी का कार्य शेष है।

इसलिए करा रहे गिरदावरी

राज्य शासन ने वर्ष 2018 से गिरदावरी कराना शुरू किया है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से पहले राज्य सरकार यह आश्वस्त हो जाना चाह रही है कि समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसानों ने जितने रकबे का पंजीयन कराया है वास्तव में उतना मौके पर है भी या नहीं। किसानों द्वारा दी गई जानकारी की हकीकत जानने के लिए राज्य सरकार गिरदावरी करा रही है। इसमें संबंधित किसान ने कितने रकबे में धान की खेती की है इसकी साफ जानकारी मिल जाती है।

ब्लाक का नाम गिरदावरी की स्थिति प्रतिशत में

बिलासपुर 88.95

मस्तूरी 88.59

बिल्हा 74.18

कोटा 70.56

तखतपुर 71.40

सकरी 77.48

बेलगहना 78.89

रतनपुर 71.55

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]