रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में सोमवार को हुए रिकॉर्ड वैक्सीनेशन पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर तमाम ओछे हथकंडे अपनाकर मिथ्या सियासी प्रलाप करने वाली प्रदेश सरकार को इस नेक काम के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करने के शिष्टाचार का निर्वहन कर राजनीतिक सौजन्यता दिखानी चाहिए। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन के अभियान को विफल करने के प्रदेश सरकार के ओछे राजनीतिक इरादों को भाँपकर वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी राज्य सरकार से वापस लेकर इस अभियान को इस मुकाम तक पहुँचाने के लिए केंद्र सरकार बधाई की पात्र है। जो लोग टीकाकरण को लेकर टिप्पणी करते थे उनकी मौनता बता रही है कि वे भी इस अभियान के समर्थन में खड़े है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीकाकरण अभियान को जन अभियान बनाया है।
श्री साय ने कहा कि जब न केवल प्रदेश, अपितु देश में वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी, तभी से सबको यह विश्वास था कि भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज गति से चलने वाला कार्यक्रम होगा। आज विश्व के अधिकांश देशों के मुकाबले भारत में सबसे तेज गति से टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है। श्री साय ने कहा कि 17 सितंबर को जब देश में एक दिन में 2.5 करोड़ वैक्सीन डोज दी गई और सोमवार को छत्तीसगढ़ में जब लगभग पौने चार लाख वैक्सीन डोज दी गई, तब से कांग्रेस समेत तमाम भाजपा-विरोधियों को साँप सूंघ गया है और उनकी खामोशी हैरतभरी है। श्री साय ने कहा कि पिछले एक साल में कांग्रेस समेत सभी भाजपा विरोधी दलों द्वारा वैक्सीनेशन को लेकर गैर-जिम्मेदाराना और हास्यास्पद बयान दिए गए और देश को बदनाम करने की ‘टूलकिटिया-साजिश’ तक रची गई।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तो प्रदेश सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर शुरू से ही निहायत निंदनीय रवैया अपनाकर पहले तो झूठ पर झूठ बोलकर वैक्सीनेशन का काम ही काफी दिनों तक रोककर रखा। बाद में इस कार्यक्रम की रफ्तार बेहद धीमी रखने वाली प्रदेश सरकार ने सनकमिजाजी से वैक्सीनेशन के काम में अफरा-तफरी का महौल बनाने की गंदी राजनीतिक साजिश भी रची। श्री साय ने कहा कि वैक्सीनेशन के सोमवार के रिकॉर्ड के बाद आत्मचिंतन और आत्म निरीक्षण कर देश के मान-सम्मान से जुड़े अभियानों को काम करके सफल बनाने का प्रशिक्षण भी प्रदेश कांग्रेस और प्रदेश सरकार के लोग केंद्र सरकार से लें क्योंकि प्रदेश में और खासकर राजधानी में डेंगू के फैलाव को रोकने और उस दृष्टि से आवश्यक सुरक्षा उपायों को लेकर ही प्रदेश सरकार विफल नजर आ रही है।
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