ग्वालियर के सीएमएचओ डा मनीष शर्मा के इस्तीफे की खबर यूं ही नहीं चली थी। हकीकत में पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग की बदहाली को लेकर दूसरे विभागों को परेशानी झेलना पड़ रही है। खासकर सबसे अहम कार्य टीकाकरण में ग्वालियर को आगे रखने के लिए प्रशासन ने कमान हाथ में ली है। अगस्त में जब प्रभारी मंत्री अभियान में आए थे, तब सीएमएचओ डा मनीष शर्मा का वाहन सिस्टम फेल हो गया था। इस दाैरान भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहते दिख रहे थे कि शासन काे कौन जवाब देगा। इससे ही साफ हो गया था कि स्वास्थ्य विभाग की क्या हालत है। हर बार बेपरवाही पर कलेक्टर की डांट का सिलसिला जारी है, वैसे हकीकत यह है कि यह आगे भी जारी रहेगा।
गौरतलब है कि शनिवार की दोपहर में जनप्रतिनिधि और अफसराें की बैठक हुई। इसके बाद कलेक्टर टीकाकरण की स्थिति और आनलाइन फीडिंग की जानकारी लेने के लिए खुद कंट्राेल कमांड सेंटर जा पहुंचे। जहां पर दो कर्मचारी टीकाकरण को आनलाइन करने का काम कर रहे थे। आनलाइन फीडिंग की सुस्त चाल को देखते हुए कलेक्टर ने टीकाकरण अधिकारी और सीएमएचओ पर नाराजगी जताई थी। साथ ही ऐसा कुछ बोल दिया जो सीएमएचओ को ठीक नहीं लगा। इस कारण से सीएमएचओ ने अपने पद से इस्तीफा लिखकर अपने कार्यालय में रख दिया और चार्ज डा बिंदु सिंघल को देते हुए वह घर निकल गए। इसके बाद सीएमएचओ का मोबाइल नंबर बंद आने लगा। इधर टीकाकरण को लेकर पिछले तीन दिन कलेक्टर किसी न किसी बात पर सीएमएचओ पर नाराजगी जता रहे थे। टीएल बैठक में भी सीएमएचओ को दूसरे की गलती पर नोटिस मिला था। इन सब बातों के चलते सीएमएचओ ने इस्तीफा दे दिया। बाद में सामने आया कि इस्तीफा नहीं दिया है।
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