किशोर न्याय संरक्षण अधिनियम के तहत बच्चो की पहचान उजागर नही

बेमेतरा 18 सितम्बर (वेदांत समाचार) महिला एवं बाल विकास विभाग बेमेतरा द्वारा किशोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2105 की धारा 74 के अंतर्गत बालकों की पहचान करने पर प्रतिशेध किया गया है। अधिनियम की धारा 74 मे उल्लेख है कि -(1) तत्समय  प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन किसी जांच अथवा अन्वेशण अथवा न्यायिक प्रकिया के संबंध मे कोई रिपोर्ट किसी समाचार पत्र, पत्रिका, न्यूज शीट अथवा श्रव्य दृश्य मीडिया अथवा संसूचना के अन्य रूप मे विधि के विरोध मे बालको अथवा देखभाल तथा संरक्षण की आवश्यकता मे बालक अथवा बालक पीड़ित व्यक्ति अथवा ऐसे मामले मे शामिल अपराध का साक्षी का नाम पता अथवा स्कूल अथवा कोई विशिष्ट प्रकट नही करेगा, न तो ऐसे किसी बालक की तस्वीर को प्रकाशित करेगा।

परन्तु यह कि लेखबद्व कारणों से जांच करने वाला बोर्ड अथवा समिति ऐसे प्रकटन का अनुज्ञात कर सकेगा यदि उसकी राय मे ऐसा प्रकटन बालक के सर्वोतम हित में है। पुलिस ऐसे मामलों मे जहां मामले को समाप्त निस्तारित नही किया गया है चरित्र प्रमाण-पत्र अथवा अन्यथा के प्रयोजन के लिए बालक के किसी अभिलेख को प्रकट नही करेगा। उपधारा 1 के प्रावधानों का अतिलंधन करने वाला कोई व्यक्ति ऐसी अवधि कारावास से, जो छः माह तक की हो सकेगी अथवा ऐसे जुर्माने से जो 200000 रूपये तक का हो सकेगा अथवा दोनों से दण्डित किया जाएगा।

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