कोरबा। जिले के कोरबा एवं कटघोरा वनमंडल में हाथी समस्या जारी है। जहां कटघोरा के पसान रेंज में अमझर के आसपास 35 हाथियों द्वारा लगातार डेरा डाल ग्रामीणों के फसल व मकान को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाया जा रहा है, वहीं कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में भी 10 हाथी पहुंच गए हैं। इन हाथियों ने आते ही उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। अचानक पहुंचे हाथियों ने रेंज के गुरमा, गीतकुंआरी व पतरापाली में तीन किसानों की फसल रौंदी। वहीं एक किसान के खेत में लगे सिंचाई पाइप को क्षतिग्रस्त कर दिया।
जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पसान रेंज में मौजूद हाथियों ने गुरुवार की रात अमझर में एक महिला की झोपड़ी को तोड़कर उसे मौत के घाट उतार दिया है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक पसान रेंज में मौजूद हाथियों के दल ने शुक्रवार की रात 10 बजे के बाद अमझर जंगल से आगे का रूख किया और वन विभाग की निगरानी में कोरिया जिले की सीमा पर खडग़वां रेंज के ग्राम केराकछार पहुंच गया। उत्पातियों हाथियों के पसान रेंज की सीमा पार करने पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राहत की सांस ली थी लेकिन यह ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सकी। हाथियों का दल दो-तीन घंटे केराकछार जंगल में विचरण करने के बाद फिर वापस लौटकर अमझर पहुंच गए। आज सुबह 7 बजे हाथियों के दल को गांव के जंगल के कक्ष क्रमांक 608 में विचरण करते हुए देखा गया और ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी।
ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने पर वन विभाग का अमला आज फिर मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गया है। अमझर आने से पहले हाथियों ने रास्ते में सात किसानों की फसल रौंद दी। इधर कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में 10 हाथियों का दल मांड नदी पार कर पहुंच गया है। धरमजयगढ़ क्षेत्र से पहुंचे इस दल में दो नर, पांच मादा व तीन शावक भी शामिल हैं। हाथियों ने यहां पहुंचते ही उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। हाथियों का दल पतरापाली, गीतकुआंरी व गुरमा में लगभग 3 किसानों की फसल रौंद दी। वहीं एक किसान के खेत में लगे पाइप को क्षतिग्रस्त कर दिया। यहां फसल व पाइप को क्षति पहुंचाने के बाद हाथियों का दल सुबह होने से पहले गुरमा पहुंच गया। हाथियों को आज सुबह यहां पर देखा गया। कुदमुरा रेंजर भरत सिंह धोबा ने बताया कि हाथियों के आगमन की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं तथा हाथियों की निगरानी करने के साथ ही रात में किये गए नुकसानी का सर्वे में जुट गए हैं। गुरमा एवं आसपास के गांवों में मुनादी करा दी गई है तथा ग्रामीणों को सतर्क करते हुए जंगल ना जाने की सलाह दे दी गई है।
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