बारिश के कारण दलदल में तब्दील हुई गाेशाला, जानें गायाें पर क्या गुजर रही

ग्वालियर, 18 सितम्बर (वेदांत समाचार)  दो दिन की फुहार ने गोला का मंदिर गोशाला की हालत खराब कर दी है। गोशाला में नजरें दौड़ाने पर दो फीट तक का दलदल नजर आता है। इस दलदल के कारण दर्जनों कमजोर गाय दम तोड़ चुकी हैं, क्योंकि कीचड़ होने से न तो गोशाला में वे बैठ पा रही थीं और टीनशेड की व्यवस्था न होने से बौछारों से खुद को बचा पा रही थीं। इस बदइंजामी को लेकर नईदुनिया ने नरक बन गई गोले का मंदिर गोशाला, घुटनों तक कीचड़ में खड़ी हैं गाय शीर्षक से शुक्रवार को खबर प्रकाशित की। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के विभाग गौरक्षा प्रमुख भरत राजपूत कार्यकर्ताओं के साथ गोशाला को देखने के लिए पहुंचे। स्थिति से व्यथित होकर सभी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। वहीं नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने मदाखलत के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अब एक भी गाय गोले का मंदिर गोशाला में नहीं छोड़ें।

गाेले का मंदिर गोशाला दो दिन की बारिश में दलदल बन चुकी है। यहां रहने वाली गायों की लगातार मौत हो रही है। कुछ गायें थकान की वजह से बीमार हो गई हैं। निगम लगातार इस गोशाला में शहर से पकड़कर गायों को छोड़ रहा था। मामला सुर्खियों में आते ही सुबह गोले का मंदिर गोशाला पर गौसेवक पहुंचे और उन्होंने शहर से पकड़कर लाई गई गायों को बाहर ही रोक दिया। लोगों का विरोध होते देख मदाखलत अमले ने गायों को शहर के अन्य स्थानों पर छोड़ दिया।

अधूरा रह गया निर्माण कार्य: तत्कालीन निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने गोले का मंदिर गोशाला में पानी भरने की समस्या को खत्म करने बारिश के पानी को वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए जमीन में उतारने की योजना बनाई थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे पूरा नहीं किया।

कलेक्टर ने फर्शी कराने भिजवाया मटेरियल: कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह पूर्व में बारिश के मौसम में गायों की बदहाली को देख चुके हैं। इसके चलते उन्होंने गोले का मंदिर गोशाला पर करीब 40 डंपर गिट्टी फर्शी के लिए भिजवाई , लेकिन यहां पर निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। अगर यह निर्माण कार्य हो जाता तो गायों की यह हालत नहीं होती। फशर् होने के कारण वे उन्हें घंटों खड़ा नहीं होना पड़ता।

वर्जन-गोशाला की हालत खराब है। बारिश ने उसे बदहाल कर दिया है। गाय मर रही हैं, बीमार हो रही हैं। फिर भी गायों को पकड़कर गोशाला भेजा रहा है। विहिप व बजरंगदल इस मामले में शांत नहीं बैठेगा। जरूरत पड़ी तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। इस मामले में हमने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है। शनिवार को संभवत: निगमायुक्त से मुलाकात कर समस्या का समाधान निकालने के लिए ज्ञापन दिया जाएगा।

भरत राजपूत, विभाग गौरक्षा प्रमुख विहिप

वर्जन- जिला पंचायत में दो बड़ी गोशालाओं का निर्माण कराया है, जहां 1500-1500 गाय रखी जा सकती हैं। 10 अन्य गोशालाएं हैं, जिनमें 100-100 गाय रखी जा सकती हैं। जरूरत होने पर इन गायों को वहां भी शिफ्ट किया जा सकता है। आरोन बकरीशाला की जमीन गोशाला काे मिले इसके लिए 35 हेक्टेयर भूमि का प्रस्ताव मैंने शासन को बनाकर भेजा था।

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