कोरबा जिले में गरीबी के चलते बेबस हुए 16 साल के तीन किशोर परिवार की गुजर-बसर में माता-पिता का हाथ बंटाने की सोच घर से 2200 किलोमीटर दूर पहुंच गए। घरेलू काम-काज के बदले प्रतिदिन 400 रुपये मेहनताना मिलने का लालच दे एक एजेंट उन्हें लेकर आंध्रप्रदेश पहुंच गया। स्टेशन में एक साथ कई बच्चों को घूमता देख तिरुचिरापल्ली रेलवे सुरक्षा बल ने शक के आधार पर रोककर पूछताछ की। पता चला, उन्हें काम दिलाने का झांसा देकर सात बच्चों को उत्तरप्रदेश व छत्तीसगढ़ से इतनी दूर ले गया, जिनमें से तीन कोरबा के रहने वाले हैं।
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