कोरबा 17 सितम्बर (वेदांत समाचार) । कोरबा कुसमुण्डा मार्ग की जर्जर हालत दिन ब दिन भयानक रूप ले रही है। गड्ढे तालाब का रूप ले चुके हैं, गड्डो को भरने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है जिसका परिणाम है कि हर घण्टे एक भारीवाहन इन गड्डो में फंस रही है। जिससे न सिर्फ चालक बल्कि वाहन मालिक भी परेशान हो रहें हैं। ईमली छापर से शिवमन्दिर चौक और बरमपुर से सर्वमंगला चौकी तक की मुख्य सड़क का सबसे बुरा हाल है। गेवरा रोड स्टेशन वाले मुख्य मार्ग पर इतने बड़े बड़े गहरे गड्ढे हो गए हैं कि ट्रक के पूरे पहिये डूबकर फंस जा रहे हैं।
एक फंसे ट्रक को अन्य ट्रक अथवा जेसीबी. हाइड्रा की मदद से बाहर निकाला जा रहा है, थोड़ी ही देर में दूसरा ट्रक फिर आकर फंस जा रहा है। अभी भी करीब 4 ट्रक इन मार्ग पर फंसे हुए है जिन्हें निकालने की जद्दोजहद जारी है। ईमली छापर से शिवमन्दिर चौक तक हल्के वाहनो के आने जाने के लिए एक अलग से मुख्य मार्ग के समानांतर मार्ग बना हुआ है इस वजह से इन ट्रकों के फंसे हुए मार्ग पर जाम नही लग रहा, वहीं आमलोग भी इन गड्डो में गिरने से बच रहें हैं, परन्तु बरमपुर में फंस रही ट्रकों की वजह से कई कई घण्टो जाम लग रही है। बीते गुरुवार को देर शाम बरमपुर मार्ग पर कई घण्टे जाम की स्थिति रही।
दुसरीं तरफ इन गड्डो को भरने सड़क किनारे गिट्टी व सफेद डस्ट का मिश्रण गिराया गया है जिसे कई कई दिनों तक सड़क के किनारे सजा कर रखा गया है। 2 से 3 फीट तक गहरे और 8 से 10 फिट चौड़े इन तलाबनुमा गड्डो में पूरी एक गाड़ी मलबे की आवश्यकता रहती है पर यँहा तो कई सौ मीटर के अंतराल में मलबे का ढेर लगा दिया गया है। शायद जब कोई हादसा हो या किसी बड़े अधिकारी का दबाव हो तो झट से कुछ गड्डो में इन मलबों को डाला जाएए फिलहाल तो इन मलबों के ढेरो से गड्डो को सिर्फ दूर से ही दीदार कराया जा रहा है। मिलन के लिए शुभ मुहर्त का इंतजार है।
जिन गड्डो को भरने सड़क को चलने लायक बनाने के लिए ढाई करोड़ रुपये से अधिक का ठेका निकाला गया है ए ऐसा लग रहा है कि ठेकेदार को मलबा बचा कर फायदा पंहुचाने के लिए निकाला गया है। गड्डो को भरने और सड़क को चलने लायक बनाने में बरती जा रही कोताही को देखकर हम तो यही कहेंगे कि अधिकारी ठेकदार मिलकर केवल पैसा बचा रहें हैए औऱ पैसा किसलिये बचाया जाता है ये तो आप सभी को पता है ही। अगर आज कोरबा कुसमुण्डा मार्ग की मरम्मत के लिए पिछले खर्च किये गए कुछ वर्षों का हिसाब मांगा जाए तो पता चलेगा की मरम्मत मात्र के लिए खर्च किये गए इतने पैसों में तो लोहे या स्टील की चमचमाती अजर अमर सड़क बन जातीए पर यँहा तो जो सड़क थी वो भी नही बची।
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