नई दिल्ली Padmanabhaswamy temple । देश के सबसे अधिक चर्चित और संपत्ति वाले श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर के पास आखिर कुल कितनी संपत्ति है। इसके ऑडिट कराने के संबंध में दायर याचिका पर शुक्रवार सुनवाई होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट में श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर के खातों को बीते 25 सालों के रिकॉर्ड का ऑडिट कराने को लेकर सुनवाई लंबे समय से चल रही है।
न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की पीठ ने श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पी दातार और मंदिर प्रशासन समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बंसल की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। गौरतलब है कि बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के प्रशासन की जिम्मेदार त्रावणकोर शाही परिवार की एक प्रशासनिक समिति को सौंप दिया था। आपको बता दें श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर ट्रस्ट भी तत्कालीन त्रावणकोर शाही परिवार के द्वारा बनाया गया था।
मंदिर के ऑडिट के लगी एक निजी सीए फर्म ने मंदिर ट्रस्ट से बीते 25 साल का आय व्यय का रिकॉर्ड जमा करने के लिए कहा था। इस के मद्देनजर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मंदिर ट्रस्ट ने तर्क दिया था कि मंदिर के धार्मिक अनुष्ठानों के संचालन के लिए 1965 में गठित एक स्वतंत्र संस्था है और मंदिर के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन में मंदिर ट्रस्ट की कोई भूमिका नहीं है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 जुलाई 2020 को केरल हाई कोर्ट के जनवरी 2011 के फैसले को पलटते हुए फैसला दिया कि पद्मनाभस्वामी मंदिर का प्रशासन और नियंत्रण पूर्ववर्ती त्रावणकोर शाही परिवार द्वारा किया जाएगा।
इससे पहले जून 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने पुरातत्व विभाग तथा अग्निशमन विभाग को निर्देश दिया कि मंदिर के गुप्त तहखाने को खोलें और उसमें रखी वस्तुओं का निरीक्षण करें। ऐसा संभावना जताई जा रही है कि मंदिर के इन तहखानों में करीब 2 लाख करोड़ की संपत्ति हो सकती है। हालांकि अभी भी तहखाने-बी को नहीं खोला गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस तहखाने को खोलने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिाय है कि ये संपत्ति मंदिर की है।
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