जाम में फंसी एम्बुलेंस, पंडो जनजाति की 4 साल की बेटी की गई जान

बलरामपुर। जिले में लगातार अलग अलग कारणों से पंडो जनजाति (pando trible) के लोगों की मौत (Death) हो रही है। गुरुवार को यहां एक इसी जनजाति के चार वर्षीय मासूम बच्ची की जान गई है। बताया जा रहे है बच्ची की तबियत ख़राब थी और उसे बड़े अस्पताल (Hospital) में उपचार के लिए रेफर किया जा रहा था। लेकिन रास्ते में रेत की गाड़ियों ने जाम लगा रखा था। इसमें फंसकर मासूम की मौत हो गईं।

रेत ट्रकों के जाम में फंसी 108

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम लगभग 7:00 बजे 108 वाहन की मदद से सनावल से रेफर लेकर रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) एक 4 वर्षीय पंडो जनजाति की बालिका को ईलाज हेतु लाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में काफी मात्रा में रेत से लदे लगभग 200 ट्रकों की लाइन लगी थी। जिसमें 108 वाहन फंस गई। इस दौरान 4 वर्षीय मासूम बालिका की मौत हो गई।

बच्ची की हालत थी क्रिटिकल

108 वाहन में तैनात स्टॉप राजेश कुशवाहा ने बताया कि उक्त बालिका की स्थिति काफी क्रिटिकल थी। उसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी, लेकिन रास्ते में रेत से लदे सैकड़ों ट्रकों की लाइन लगी थी, जिसके कारण हॉस्पिटल तक पहुंचने में काफी देर हो गई और हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित (declared dead) कर दिया।

15 सितंबर से थी तबियत खराब

बलरामपुर जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (CMO) डॉ. बसंत सिंह (Dr Basant Singh) ने बताया कि ग्राम पंचायत गाजर में एक 4 वर्षीय बालक की विगत 15 सितंबर से तबीयत खराब थी और 108 की मदद से उसे ईलाज के लिए रामानुजगंज (Ramanujgunj) अस्पताल लाया जा रहा था और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जा सकता है कि उसकी मौत किस हालत में हुई है।

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