नई दिल्ली,18 मार्च 2025। भारत और आस्ट्रेलिया ने समुद्री क्षेत्र में जागरूकता, पारस्परिक सूचना साझा करने, उद्योग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग पर बल दिया है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सोमवार को यहां हुई नौवीं रक्षा नीति वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद ने किया जबकि ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का नेतृत्व ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग के अंतर्राष्ट्रीय नीति प्रभाग के प्रथम सहायक सचिव बर्नार्ड फिलिप ने किया। दोनों पक्षों ने रक्षा अभ्यासों और बढते आदान-प्रदान तथा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में निरंतर प्रगति का स्वागत किया।
बैठक में नवंबर 2023 में दूसरे मंत्रिस्तरीय विदेश और रक्षा मंत्रियों की टू प्लस टू, अक्टूबर 2024 में सचिव स्तर पर अंतर-सत्रीय टू प्लस टू परामर्श और नवंबर 2024 में दूसरे वार्षिक नेताओं के शिखर सम्मेलन के रक्षा परिणामों की समीक्षा की गई। चर्चा में समुद्री डोमेन जागरूकता, पारस्परिक सूचना साझा करने, उद्योग , विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी सहयोग और एक-दूसरे के क्षेत्रों से तैनाती सहित संयुक्त अभ्यास एवं आदान-प्रदान सहित सहयोग की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
उन्होंने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत और ऑस्ट्रेलिया एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों पक्षों ने इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया में होने वाली अगली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए प्राथमिकताओं और तैयारियों पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने सामूहिक शक्ति को बढ़ाने, दोनों देशों की सुरक्षा में योगदान देने और क्षेत्रीय शांति तथा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा परिकल्पित रक्षा और सुरक्षा सहयोग के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों देशों ने रक्षा उद्योग सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों की संबंधित एजेंसियों से आह्वान किया। उन्होंने बहुपक्षीय भागीदारों के साथ काम करने सहित जल, थल और नभ क्षेत्रों में सहयोग और अंतर-संचालन को गहरा करने पर भी सहमति व्यक्त की।