कोरबा 13 सितम्बर (वेदांत समाचार)। रिहायशी क्षेत्र से हजारों की संख्या में प्राप्त विषधरों कोरबा जिले के जंगल में छोड़ दिया गया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग निश्चिंत होकर रहे। केराकछार गांव में सर्प के काटने से कुछ घंटे बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई। जमीन पर सोने के दौरान उसे सांप ने काट लिया था। इस मामले में अस्पताल पुलिस चौकी ने मर्ग कायम दिया है। मृतक का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
अनेक दुर्लभ प्रजातियों के साथ-साथ सामान्य प्रजाति के सर्प कोरबा जिले में बहुतायत में मौजूद हैं। समय-समय पर उन्हें यहां वहां देखा जा चुका है। समय रहते लोगों की नजर पड़ने के साथ ऐसे सर्पों को रेस्क्यू करने का काम स्थानीय संस्थाओं के द्वारा कर लिया गया। बाद में ऐसे जहर उगलने वाले जीव जंतुओं को घने जंगलों के हवाले कर दिया जा रहा है। इन सबके बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में सांपों के निकलने का सिलसिला अभी भी बना हुआ है। रात्रि में ग्रामीण क्षेत्रों में इस वजह से घटनाएं हो रही हैं ।
राजगामार पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले केरकछार गांव में रहने वाले मानसिंह कमर की सांप के काटने से मौत हो गई। जानकारी होने पर परिजनों ने उसे एक बैंगा के पास पहुंचाया लेकिन उसने हाथ खड़े कर दिए और अस्पताल जाने की सलाह दी। इस समय तक सांप का जहर शरीर में अपना काम कर चुका था। इन कारणों से मान सिंह की मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने बताया कि इस मामले में बेगा ने किसी प्रकार की झाड़ फूंक नहीं की।
मृतक मान सिंह के परिवार में पत्नी और 4 बच्चे हैं। मुखिया की मौत के बाद इनके जीवन यापन की समस्या आ खड़ी हो गई है। हालांकि सर्पदंश से होने वाली घटनाओं में पीड़ित परिजनों को सरकार के बाद ₹4 लाख रुपए दिए जाने के प्रावधान है। ऐसी घटनाओं मैं मानवीय आधार पर अगली कार्रवाई करने की जरूरत है। खबर के अनुसार सर्पदंश से लेकर आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में होने वाली मौत के मामलों को लेकर बिचौलिए सक्रिय हो जाते हैं और जल्दी सरकारी राहत का चेक दिलवाने के दावे करने के साथ कमीशन झटक लेते हैं। ऐसे तत्वों पर नकेल कसने की जरूरत है।
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