कोलकाता 13 सितम्बर (वेदांत समाचार) . खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Ltd.) कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी (Coal Prices Hike) का ऐलान कर सकती है. दरअसल, कंपनी बढ़ी हुई लागत और वेतन (Cost & Salary Hike) में लंबित बदलाव के असर को कम करने के लिए सूखे ईंधन की कीमतों में कम से कम 10-11 फीसदी की वृद्धि कर सकती है. कोलकाता की खनन कंपनी ने वर्ष 2018 में आखिरी बार कोयला की कीमतों में वृद्धि की थी. इसका मौजूदा औसत विनियमित मूल्य (Average Regulated Price) प्राप्ति 1,394 रुपये प्रति टन है.
कई साल से क्यों नहीं बढ़ाई गई थी कोयले की कीमत
ईंधन आपूर्ति समझौते (Fuel Supply Agreement) के तहत पिछले कुछ साल से कोयले की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. सूत्रों ने कहा कि सभी जगह पर वेतन में बदलाव की वजह से लागत में वृद्धि हुई है. ऐसे में कुल आमदनी में कमी से बचने के लिए कोयले की कीमतों में कम से कम 10-11 फीसदी की बढ़ोतरी की जरूरत महसूस की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया ने इस मामले में बोर्ड के सदस्यों के साथ अनौपचारिक रूप से चर्चा की है.
बोर्ड के सदस्यों ने मानी कीमतों में बढ़ोतरी की जरूरत
कोल इंडिया के बोर्ड सदस्यों में से ज्यादातर ने कोयले की कीमतों में वृद्धि की आवश्यकता को स्वीकार किया है. इससे पहले कोल इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने हाल में कहा था कि कंपनी की लागत बढ़ गई है. इसलिए ऐसा कोई कारण नहीं है कि उसे सूखे ईंधन की कीमतों में वृद्धि नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि कंपनी कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है
[metaslider id="347522"]