KORBA : 26 जर्जर सड़कों का निकला दम, कायाकल्प के लिए फंड दिए वो भी पड़ गया कम

कोरबा । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित जिले की 26 सड़कें साढ़े 13 करोड़ रुपए का आबंटन उपलब्ध होने के बावजूद दो साल बाद भी नवीनीकृत नहीं की जा सकीं। दो साल पुराने एसओआर में काम करने का ठेकेदार जोखिम नहीं उठाना चाहते।लिहाजा निविदा प्रक्रिया में अधिक दर डालने की वजह से निविदा स्वीकार नहीं हो रही । वहीं कुछ बिलो दर पर काम करने का जोखिम उठा रहे तो प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धी ठेकेदार कम पड़ जा रहे। एकल टेंडर होने की वजह से लगातार दूसरे साल विभाग ने निविदा निरस्त कर दिया। इसके साथ ही लोगों का जर्जर सड़कों के संधारण नवीनीकरण का इंतजार एक साल और बढ़ गया।

यहाँ बताना होगा कि औद्योगिक एवं आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में विकास की धुरी कहे जाने वाले सड़कों की स्थिति लगातार बढ़ रहे भारी वाहनों के दबाव ,गुणवत्ताहीन निर्माण एवं मरम्मत कार्य के गिरते स्तर की वजह से बद से बदतर होती जा रही है। सड़कों के मरम्मत की बात हो या नए सड़कों के निर्माण हमेशा फंड की तंगी प्रमुख अड़चन बनकर सामने आती रही हैं। लेकिन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जो खबरें सामने आ रही है वो हैरान करने वाली है। यहाँ शासन द्वारा संधारण नवीनीकरण के लिए आबंटन उपलब्ध कराए जाने के दो साल बाद भी कार्य शुरू नहीं किया जा सका । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों के परफार्मेंस गारंटी 5 साल की रहती है। लिहाजा 5 साल के भीतर ठेकेदारों को मरम्मत का कार्य करना रहता है। इसके उपरांत मरम्मत की पूरी जवाबदेही सम्बंधित विभाग शासन की रहती है। जिले में 2002 से पीएमजीएसवाय के तहत सड़क तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में 510 से अधिक ग्रामीण सड़कें विभाग ने तैयार कर जिले में सड़कों का जाल बिछा दिया है। इन सड़कों के माध्यम से ही गांव एवं ग्रामीण मुख्य मार्ग से होते हुए जिला मुख्यालय से जुड़ रहे हैं। यूं कहें सड़कों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के द्वार खुल गए हैं।सड़कें बेहतर होने से शासन प्रशासन के आला अधिकारियों की भी ग्राम एवं ग्रामीणों तक परस्पर संवाद एवं संपर्क बना रहता है। लेकिन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत सड़कों के संधारण(मरम्मत) के लिए शासन के पास हमेशा से फंड की तंगी बनी रही है।सैकड़ों सड़कें 5 साल की संधारण अवधि पूरी कर चुकी हैं। इन सड़कों पर बढ़ते समय के साथ साथ यातायात का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से औद्योगिक घरानों के भारी वाहनों के परिचालन एवं मरम्मत के अभाव में सड़कों की स्थिति अत्यंत जर्जर ,जानलेवा होती जा रही है। संधारण के प्रस्ताव भेजने पर प्राथमिकता के आधार पर ही शासन उपलब्ध बजट के अनुसार जिलों को कुछ सड़कों के संधारण की स्वीकृति प्रदान करती है। इसी कड़ी में कोरबा जिले के लिए सन 2018 -19 में भी 26 सड़कों के नवीनीकरण संधारण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। कुल 85 .77 किलोमीटर लंबी इन सड़कों के नवीनीकरण,संधारण के लिए कुल 13 करोड़ 63 लाख 49 हजार का आबंटन दिया था। लेकिन 2018-19 से फंड उपलब्ध होने के बाद आज पर्यन्त एक भी सड़क का कायाकल्प नहीं किया जा सका।

28 रुपए का डामर 52 रुपए हो गया,पुराने एसओआर में ठेकेदार कैसे करें काम ,एबव रेट नहीं हो रहा एक्सेप्ट

दरअसल 2018 -19 में स्वीकृत कार्य की लागत आज काफी ज्यादा बढ़ गया है। पहले डामर का दर 28 रुपए प्रतिकिलो था जो आज 52 रुपए हो गया है। यही वजह है ठेकेदार पुराने एसओआर पर कार्य नहीं करना चाहते।इस बीच शासन न ही बजट रिवाइज कर रही और न ही नए स्टीमेट बनाने की दिशा में सार्थक पहल कर रही। ठेकेदार वर्तमान बाजार भाव की दर पर निविदा में दर डाल रहे जिसे स्वीकार नहीं किया जा रहा। बताया जा रहा है कि कुछ ठेकेदार हिम्मत कर निविदा प्रक्रिया में शामिल भी रहे पर 3 से कम ठेकेदार होने की वजह से निविदा निरस्त हो जा रही।

उच्च अधिकारियों को भी चाहिए भेंट पूजा ,इसलिए दो साल से हो रहा निरस्त

निर्माण कार्यों के लिए सारे विभागों में ऊपर से नीचे तक व्यवस्था करने की चलन चल रही है। इससे सभी वाकिफ हैं।संधारण एवं नवीनीकरण जैसे कार्य भी इस व्यवस्था की भेंट चढ़ गए हैं। सूत्रों की मानें तो व्यवस्था नहीं बनने पर हाई लेवल से ही इस साल टेंडर निरस्त कर दिया गया। जिसका खामियाजा जिले की जनता को भुगतना पड़ रहा है और अभी सालों तक जर्जर सड़क से जूझना पड़ेगा।

इन सड़कों का होना था कायाकल्प

जिले की 26 सड़कों का नवीनीकरण ,संधारण कर कायाकल्प किया जाना था। 85 .77 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 13 करोड़ 63 लाख 49 हजार का आबंटन दिया गया है। इन सड़कों में करतला विकासखण्ड से कोटमेर से कोई,चाम्पा चोरभट्ठी मार्ग से कलगामार,कर्रापाली टोंडा से पहाडगांव ,मेनरोड से भालूसटका,पठियापाली रामभांठा से साजापानी शामिल है। कोरबा ब्लाक से मातमार से कलदामार ,रिंगरोड से बैगामार,भैसमा कुदमुरा से भेलवाटार,कोरकोमा से मुढूनारा ,बालको अजगरबहार से तिलईडाँड़,अजगरबहार कछार से कोसगई मंदिर,लेमरू अजगरबहार से बगबुड़ा ,सोनपुरी रोड से तराईडाँड़,रजगामार पतरा पाली से गोडमा शामिल है।इसी तरह पाली ब्लॉक से एल 25 से कंजीपानी ,एल 38 से डिंडोलभांठा ,पाली रतखण्डी से रमतला,एल 46 से ओझियईन,टी 01 से डोगाघाट,एल 67 से कन्दरईलपारा,एल 59 से टिकरीपारा,टी 01 से बाघीनाला शामिल है। कटघोरा पसान रोड से अडसरा ,पसान पिपरिया रोड से लैंगी ,पसान चन्द्रोटी रोड से तुलबुल ,टी 02 से टेकीकुड़ा का कायाकल्प किया जाना था ।

टेंडर नहीं हो रहा एक्सेप्ट

पिछले दो साल से टेंडर लग रहा है। ठेकेदारों द्वारा एबव रेट डालने निविदा में प्रतिस्पर्धी ठेकेदार निर्धारित अनुपात में नहीं होने की वजह से टेंडर एक्सेप्ट नहीं हो रहा। टेंडर फाईनल होते ही प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा- के आर साहू ,ई ई पीएमजीएसवाय कोरबा

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