0 ड्यूटी के समय ही शराब खोरी से पंचायत के कार्य प्रभावित।
0 नशेड़ी सचिवों की पहचान कर कार्यमुक्त करने की आवश्यकता।
कोरबा, करतला 12 सितंबर (वेदांत समाचार) ग्राम पंचायतों में पदस्त पंचायत सचिव निचते स्तर पर विकास कार्य को गति देने का कार्य करते है। ऐसे में देखा जा रहा है कि जनपद पंचायत करतला में लगभग 15 से 20 प्रतिशत पंचायत सचिव अपने ड्यूटी के समय पर ही शराब के नशे में डूबे रहते है जिससे न केवल विकास कार्य प्रभावित हो रहा है बल्कि ऐसे सचिवों से आम नागरिक भी काफी परेशान है। राशन, पेंशन, जन्म मृत्यु सहित कई कार्यो के लिए उन्हें भटकना पड़ता है। मुख्यालय छोड़ ऐसे सचिव मदिरा पान करने में अपना समय देते है जिससे विकास कार्य की गति कछुए के चाल से चल रही है। ऐसे सचिव न तो जनपद पंचायत करतला कार्यालय के आदेशों का पालन करते है और न ही सरपंचों के साथ तालमेल बैठा पा रहे है जिससे कई बार टकराव की स्थिति पैदा होती है। अवगत हो कि कुछ नशेड़ी सचिव जनपद और जिला दोनो के बैठकों में नशे की हालत में पहुँच जाते है फिर भी बड़े अधिकारी अनुशासनहीनता का पाठ उन्हें नही पढ़ा पा रहे है। ऐसा भी देखा गया है कि ऐसे सचिवो की वजह से पंचायत में बाहरी ठेकेदार प्रभावी ढंग से सक्रिय है जो पंचायत का कार्य ठेके में कर रहे हैं और बाद में उसे अधूरा भी छोड़ देते है। ऐसे सचिवों कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने की आवश्यकता है।
अनुशासनहीनता पर कार्यवाही क्यों नही ?
ड्यूटी समय पर मदिरा पान या नशे में रहना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है ऐसे में शराबी सचिवों को चेतावनी देकर उनपर निलंबन या कार्यमुक्ति जैसे सख्त आदेशों से ऐसे कृत्यों पर जिला पंचायत अंकुश लगा सकता है फिर भी ऐसा देखा गया है कि इन पर कार्यवाही के नाम पर कुछ नही होता।
शिकायत मिलने पर कार्यवाही किया जायेगा : सीईओ मिर्झा।
ऐसे पंचायत सचिवों के खिलाफ यदि ग्रामीणों की ओर से शिकायत आयी तो डॉक्टरी मुलाहिजा उपरांत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
ड्यूटी के समय नशा खोरी से बचे पंचायत सचिव : सत्यनारायण कंवर
करतला सचिव संघ के अध्यक्ष सत्यनारायण कंवर ने कहा कि ड्यूटी के समय शराब खोरी या नशाखोरी के पंचायत सचिवों को बचना चाहिए जिससे पंचायत के कार्य सुगमता से संपादित किये जा सके। उच्च अधिकरियों के निर्देश और आदेश का पालन समय पर सुनिश्चित हो इसके लिये हमेशा तत्परता बरतनी चाहिए।
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