कोरबा 10 सितम्बर (वेदांत समाचार) । ऑनलाइन टीचिंग की आड़ में कई बच्चे मोबाइल पर गैर जरूरी गेम खेलने में अपना दिमाग खफा रहे हैं। इस बात का पता चलने पर परिजन जब उनकी खबर लेते हैं तो समस्या खड़ी हो जाती हैं। खरमोरा क्षेत्र का एक बालक इसी फेर में घर से कहीं चला गया। पुलिस ने रात में 3 घंटे ऑपरेशन चलाकर उसको खोज निकाला । पुलिस ने एक बार फिर साबित किया गया संवेदनशील मामलों में पुलिस ने तत्परता से काम करती है।
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले वर्ष से शैक्षणिक गतिविधियां कुल मिलाकर ऑनलाइन मोड पर संचालित हो रही हैं इस बार शैक्षणिक संस्थाओं को 50% उपस्थिति के साथ खोलने की व्यवस्था की गई है लेकिन अभी भी बहुत सारे मामलों में विद्यार्थी मोबाइल के भरोसे पढ़ाई कर रहे हैं मोबाइल की सुविधा प्राप्त होने के कुछ फायदे हैं तो नुकसान भी खबर के अनुसार स्थानों पर बच्चे पढ़ाई की आड़ में फ्री फायर गेम अन्य जरूरी विषय वस्तु के चक्कर में पड़ रहे हैं हाउसिंग बोर्ड खरमोरा मैं रहने वाले एसबीआई के प्रबंधक के 10 वर्ष के बालक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ उसकी हरकतों को लेकर मा ने डांट लगाई तो बालक घर से निकल गया इसकी सूचना होने पर परिजन सकते में आ गए पुराने परिचय के आधार पर बैंक अधिकारी ने सब इंस्पेक्टर राजेश चंद्रवंशी को इसकी जानकारी दी जिसके बाद इस मामले को पुलिस के कई समूह में साझा किया गया।
राजेश चंद्रवंशी ने बताया कि सीएसईबी पुलिस चौकी प्रभारी आशीष सिंह के साथ रात्रि में 3 घंटे तक आसपास में सर्च ऑपरेशन चलाया इस दौरान एक मकान मैं बालक को देखने के साथ उसे परिजनों के सुपुर्द किया गया उसे जरूरी समझाइश भी दी गई।
राजेश चंद्रवंशी ने बताया कि पुलिस की ड्यूटी अपराध नियंत्रण के साथ-साथ मानवता की दिशा में भी काम करने की है मौजूदा मामले में उन्होंने अपने 5 वर्ष के बालक को ध्यान में रखते हुए रात्रि में लापता हुए बालक की तलाश की और इसमें सफलता पाने के साथ उन्हें काफी राहत हुई।
इससे पहले भी कोरबा जिले में अनेक मौकों पर पुलिस ने संवेदनशील मामलों को काफी गंभीरता से लेते हुए उस पर काम किया है और लापता हुए बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने की कोशिश की है ऐसे प्रकरण इस बात को साबित करते हैं कि पुलिस उच्च अधिकारी अराजक तत्वों के साथ सख्ती से पेश आते हैं लेकिन दूसरे मामलों में उनका हृदय आम आदमी के जैसा काम करता है।
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