ईदिल्ली 08 सितम्बर (वेदांत समाचार) I मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किसी भी राजनेता के निजी हितों के लिए तस्वीरों को छापने के लिए नहीं किया जा सकता है. खासकर पाठ्य पुस्तकों, बैग और अन्य शैक्षिक सामग्री पर. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की प्रथा जारी न रहे.मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी ऑडिकेसवालु की पहली पीठ ने ओवेयम रंजन द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर यह टिप्पणी की. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को पाठ्य पुस्तकों और अन्य स्टेशनरी सामग्री जैसे क्रेयॉन, रंगीन पेंसिल और स्कूल बैग के अप्रयुक्त स्टॉक का उपयोग करने के लिए निर्देश देने की मांग की, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों की तस्वीरें थीं.
होर्डिंग्स पर नहीं होगा सार्वजनिक धन खर्च
कोर्ट ने कहा कि बचा हुआ स्टॉक खत्म होने तक इनका उपयोग किया जा सकता है, ताकि पहले से खर्च किए गए धन को बर्बाद न किया जाए. कोर्ट ने कहा कि राज्य की ओर से यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि भविष्य में ऐसी सामग्री में उनकी तस्वीरें प्रकाशित हों. राज्य सरकार को निर्देश देने के अलावा और कोई आदेश देने की आवश्यकता नहीं है कि यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए कि होर्डिंग्स और अन्य सामग्री सहित राजनीतिक नेताओं के प्रचार उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक धन खर्च नहीं किया जाता है.
पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि हालांकि, मुख्यमंत्री की तस्वीरें लगाई जा सकती हैं, लेकिन समाचार पत्रों या कुछ होर्डिंग्स में विज्ञापनों तक सीमित होनी चाहिए, और निश्चित रूप से पाठ्य पुस्तकों या व्यायाम पुस्तकों या किसी भी शैक्षिक सामग्री पर नहीं होनी चाहिए.
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