रायपुर 08 सितम्बर (वेदांत समाचार) । छत्तीसगढ़ में लाइसेंस बनवाने के लिए मैन्युअल टेस्ट नहीं होगा, क्योंकि परिवहन विभाग ने अब प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालय में आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनवाने का निर्णय लिया है। लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थियों को सेंसर पास और फेल करेगा। इससे परिवहन विभाग का मकसद है कि आने वाले दिनों में केवल ट्रेंड चालक ही सड़क पर वाहन चला सकेंगे। इसके साथ ही परिवहन कार्यालय में उन भारी वाहनों का फिटनेस जारी होगा, जिनमें स्पीड लिमिट डिवाइस लगी होगी।
डिवाइस न लगाने वाले भारी वाहनों का फिटनेस जारी नहीं होगा। इसके साथ ही फिटनेस के लिए वाहनों का परिवहन कार्यालय आना अनिवार्य कर दिया गया है। वाहन के परिवहन कार्यालय आने के बाद ही फिटनेस जारी किया जा रहा है।इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी कार्ड के लिए आवेदकों को अब परिवहन कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने नहीं पड़ रहे हैं। घर बैठे ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बुक मिल रही है। हेलो नईदुनिया कार्यक्रम में सोमवार को अपर परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने जनता के सवालों के जबाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने लोगों की समस्याएं भी सुनीं और विभाग की खामियों को दूर करने का आश्वासन भी दिया।
परिवहन विभाग की योजना से जनता को मिल रहा लाभ
तुंहर सरकार तुंहर द्वार का कुशलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। इसके तहत केवल जून से पांच सितंबर तक दो लाख 17 हजार स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के घर भेजे जा चुके हैं और तीन हजार 700 अभी तक वापस आए हैं।वाहन चालकों की सुविधा के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवश्यक आनलाइन मेडिकल प्रमाण पत्र देने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इसके तहत अब तक प्रदेश के 22 हजार 219 लोगों ने आनलाइन के माध्यम से इस यूजर फ्रेंडली नियम का लाभ उठाया है। आनलाइन मेडिकल प्रमाण पत्र के लिए 394 डाक्टर पंजीकृत किए गए हैं।
बसों के परमिट संबंधी कार्याें का सुचारु रूप से संचालन और सरलीकरण करते हुए विभागीय वेबसाइट parivahan.gov.in पर आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इससे लोगों को कार्यालय आना नहीं पड़ रहा है। लोग अब घर बैठकर ही बसों का परमिट ले सकते हैं।वाहनों के फिटनेस टेस्ट के बाद उसकी फोटो ऐप में अपलोड करनी पड़ रही है, इसलिए अब परिवहन कार्यालय आने वाले वाहनों का ही फिटनेस हो रहा है। इसके साथ ही परिवहन विभाग से मिलने वाली रसीद पर क्यूआर कोड भी शुरू किया गया है। क्यूआर कोड को स्कैन करने से वाहन का पूरा खाका स्वत: मिल जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा एम-वाहन नामक ऐप की पूरे राज्य में 01 मार्च से शुरू कर दिया गया है। ज्ञात हो कि राज्य में कुल 60 लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां पंजीकृत हैं। रायपुर आरटीओ कार्यालय में परिवहन कार्यालय में एक दिन में 50 गाड़ियां तथा प्रदेश भर में कुल 800 गाड़ियां प्रतिदिन फिटनेस की जांच कराने पहुंचती हैं। वर्तमान में गाड़ियों का फिटनेस कर्मचारियों द्वारा मैन्युअल किया जाता है।
हेलो नईदुनिया में दीपांशु काबरा ने दिए लोगों के सवालों के जवाब
सवाल: सुभाष धुप्पड़ पेट्रोल पंप से गीता नगर की तरफ मुड़ने पर सीसी टीवी कैमरा लगा है, लोग गलत दिशा में घुसकर रोड पार करते हैं। ऐसे में सीसीटीवी के माध्यम से लोगों के घर चालान पहुंच रहा है। इसकी जानकारी लोगों को नहीं है। –
प्रखर शर्मा, डीडी नगर
बाब: सुभाष धुप्पड़ पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी कैमरा लगा है। इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा, लेकिन लोग नियमों का पालन करें।सवाल: प्रदेश के मंत्री, विधायक धड़ल्ले से सिग्नल तोड़ देते हैं। इनके ऊपर कार्रवाई क्यूं नहीं की जाती। इनकी गाड़ियां तेज रफ्तार से गुजरती हैं। इस वजह से हादसे होने की भी संभावना बनी रहती है। –
सुशील अग्रवाल, रायपुर
जबाब: यह रायपुर एसपी और आइजी के अंतर्गत आता है, लेकिन मैं इस संबंध में जरूर उनसे बात करूंगा।सवाल: मेरे बड़े भाई भारत में नहीं रहते हैं। ऐसे में उनका ड्राइविंग लाइसेंस कैसे रिनुअल होगा?
-विकास तिवारी
जबाब: छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग की साइड पर जाकर आधार कार्ड के माध्यम से ड्राइविंग और आरसी बुक के लिए फोटो और डाटा लेकर लाइसेंस को रिनुअल करा सकते हैं।सवाल: हाइवा और बड़ी गाड़ियां बिना फिटनेस के दौड़ रही हैं, जिससे दुर्घटनाएं घट रही हैं। -चंद्रकांत शर्मा, रायगढ़
जबाब: गाड़ियों की फिटनेस के लिए फोटो फिटनेस की व्यवस्था शुरू की गई है। इसके साथ ही अब ऐसा रिफलेक्टर टेप लगवा रहे हैं, जिस पर धूल मिट्टी नहीं चिपकेगी। इससे दूर से ही गाड़ी नजर आ जाएगी।सवाल: फेसबुक पर गाड़ियों की खरीदी-बिक्री करते हैं। ऐसी खरीदी-बिक्री कितनी सही है?
-मयंक मिश्रा, रायपुरा
जबाब: गाड़ी की खरीदी-बिक्री से पहले गाड़ी का पेपर जांच लें। इसके साथ ही संबंधित थाने और आरटीओ कार्यालय में भी जांच करवा लें। उसके बाद ही गाड़ी खरीदें।सवाल: प्राइवेट बसों की स्पीड पर अंकुश नहीं लग पा रहा है, जबकि शहर में यह जरूरी हो गया है।
-विजय खंडेलवाल, प्रिंसिपल, दानी स्कूल
जबाब: बस और ट्रक की स्पीड को कंट्रोल करने के लिए स्पीड लिमिट डिवाइल अनिवार्य कर दिया गया है। इससे स्पीड कंट्रोल हो जाएगी।सवाल: परिवहन विभाग में अवैध वसूली होती है जिससे छवि धूमिल हो रही है।
-राजेश राय, धमतरी
जबाब: शिकायतों को ध्यान में रखते हुए सारी व्यवस्थाओं को धीरे-धीरे आनलाइन कर दिया जा रहा है, जिससे यह समस्या दूर हो जाएगी।सवाल: आरटीओ कार्यालय में अधिकारी उपलब्ध नहीं रहते हैं।
-नरेश सिंह कुशवाहा, जगदलपुर
जबाब: विभाग में जल्द ही कुछ अधिकारियों का तबादला किया जाएगा उसके बाद कोई शिकायत नहीं आएगी।सवाल: वर्ष 2018 में बस का टैक्स जमा किया एकाउंट से पैसा कट गया लेकिन आरटीओ के खाते में नहीं दिखा। दोबारा मैंने टैक्स जमा कर दिया लेकिन समायोजन अभी तक नहीं हो पाया है। –
संतोष तिवारी, धमतरी
जबाब: विभाग से चेक करवा लेता हूं, आपकी मदद की जाएगी।सवाल: रविशंकर विश्वविद्यालय के अंदर सिटी बस तक नहीं आती इससे महिलाओं और बच्चों को काफी दिक्कत होती है। -प्र
दीप कुमार मिश्रा, रायपुर
जबाब: विश्वविद्यालय के अंदर तक सिटी बस जानी चाहिए मैं इसे करवाता हूं।सवाल: रायपुर से तेंदूपत्ता परिवहन करने वाली गाड़ियों को झारखंड और पश्चिम बंगाल में रोककर वेबजह चालानी कार्रवाई की जा रही है। इससे परिवहनकर्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।–
गुरुदीप सिंह गरचा, अध्यक्ष-तेंदूपत्ता परिवहन संघ
जवाब: इस संबंध में जानकारी लेकर हर संभव उचित कार्रवाई की जायेगी।मुझे आप पूरी जानकारी लिखित में दे दीजिए।सवाल: 40 फीसद अस्थि बाधित दिव्यांग को चार पहिया, दो पहिया वाहन का लाइसेंस जारी किया जा सकता है क्या? शासकीय सेवक विकलांग भत्ता लेने के साथ चार पहिया वाहन भी चला रहे है, क्या यह संभव है।
-अजीत कुमार शर्मा, रायपुर
जवाब: नए नियमों के तहत जो व्यक्ति चाहे वह दिव्यांग क्यों न हो, अगर वह आराम से गाड़ी चला सकता है तो उसे एडापटेट कैरीज लाइसेंस आरटीओ जारी कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें टेस्ट देना अनिवार्य है।सवाल: दिव्यांग व्यक्ति को लाइसेंस बनवाने में काफी दिक्कत आ रही है। इसके लिए डाक्टर का सर्टिफिकेट मांगा जाता है। जिला अस्पताल में डाक्टर के पास जाने पर टरकाया जाता है।
-श्याम कुमार सिंह, देवपुरी
जवाब: आप आरटीओ कार्यालय या फिर पंडरी स्थित दफ्तर में जाकर फार्म ए प्राप्त कर भर लें। डाक्टर से सर्टिफिकेट बनवाने के लिए हमने निजी अस्पतालों के साथ सरकारी डाक्टरों को अधिकृत किया है। उनकी सूची परिवहन विभाग के वेबसाइट पर देखकर संबंधित डाक्टर से संपर्क कर सकते हैं। फिर भी दिक्कत हो रही है तो मुझे लिखित में शिकायत करें, उचित कार्रवाई की जाएगी।
[metaslider id="347522"]