महासमुंद. गांव सहित आसपास के क्षेत्र में खुलेआम बिक रही शराब और बिगड़ते माहौल के चलते एक ऐसा निर्णय सामने आया है, जिसके चलते पारंपरिक त्योहार तीजा में भी महिलाएं अपने मायके नहीं जा रही हैं। गांव की महिलाओं का कहना है कि शराब ने उनके बच्चों और परिवार का जीवन बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। जिसके कारण उन्हें शराब से बिगड़ते माहौल के चलते तीजा पर्व पर मायके नहीं जाने और बेटियों को यहां नहीं लाने का निर्णय लिया है। मामला जिला मुख्यालय का समीपस्थ गांव डूमरपाली का है, जहां बेखौफ हो रही महुआ शराब की बिक्री के चलते भारत माता वाहिनी कमांडों महिलाओं ने यह फैसला लिया है। महासमुंद के बागबाहरा विकासखंड अंतर्गत वनांचल क्षेत्र में बसा गांव डूमरपाली। यहां भारत माता वाहिनी और गुलाबी गैंग की महिलाएं अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। दो साल पहले गांव में शराब नहीं बनाने और बेचे जाने का फैसला तो हुआ, लेकिन वास्तविकता इस निर्णय से कोसों दूर नजर आता है।
बच्चे भी शराब के आदी वर्षों से गांव में इस समस्या के चलते हालात यह है कि स्कूल जाने वाले बच्चे भी शराब के आदी हो गए हैं और अपने जेबखर्च के लिए घऱ से दी गई रकम की शराब खरीद कर पी रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि जगह–जगह मिल रही शराब 10-10 रुपए की थैलियों में भी बेची जा रही है। महिलाएं बताती है कि पारंपरिक त्योहार का समय है। शराब के चलते घर में पैसा नहीं, और गांव में शराबियों के चलते आतंक का माहौल है। इसलिए वे तीज पर्व पर बेटी-बहुओं को नही लाएंगे और संदेश देना चाहते हैं कि शराब के चलते यह स्थिति बनी। चावल के बदले भी मिल रही शराब गांव में शराब बेचने वालों के द्वारा लोगों को विभिन्न सुविधाओं के साथ चावल के बदले शराब देने की भी सुविधा दी जा रही है। जिसके चलते महिलाएं परेशान है। उनका कहना है कि सरकारी चावल देकर शराब ली जा रही है। जिससे घर में भोजन पकाने के लिए महिलाओं को जूझना पड़ता है। आसपास के गांव भी प्रभावित है। आबादी में से 75 प्रतिशत लोग शराब पी रहे है और बनाने और बेचने का कार्य कर रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि इस साल अब तक 10 जगहों पर शराब पकड़ी गई, लेकिन थाने से उन्हें सहयोग नहीं मिलता और दूसरे दिन छूट जाने के कारण एक बार फिर आरोपी उसी कार्य में लिप्त हो जाता है।
न अर्थदंड की राशि मिल रही, न प्रोत्साहन राशि समूह की महिलाएं बताती है कि सितंबर 2019 में गांव की बैठक में शराब विक्रय के रोक पर चर्चा हुई। गांव में सर्वसम्मति के पश्चात भी अब हालात बद से बदतर हैं। वाहिनी की महिलाओं द्वारा की जाने वाली धरपकड़ की कार्रवाई के लिए शऱाब बेचने वालों से वसूला गया अर्थदंड की राशि न उन्हें मिल रहा है और न ही प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। चंदा बाई, चम्पा बाई, संतोषी, फूल बाई, अगनि, कुमारी बाई, बिटावन, जानकी बाई, पान बाई, रुहेलिन, विमला, बिसाहीन, कमला चक्रधारी, जमुना दीवान, पान बाई, निर्मला, लक्ष्मी दीवान, मंगलीन, खोरबाहरिन आदि बताती हैं कि आसपास के क्षेत्र में जमकर महुआ शराब बन रही है और बेखौफ बेची जा रही है। लेकिन, गांव में पुरुषों के दबदबा के चलते गठित भारत माता वाहिनी ठीक से संचालित नहीं हो पा रही है।
मामले में संबंधित थाना को मिली शिकायत और वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर मामले की जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई अवश्य की जाएगी। -दिव्यांग पटेल, पुलिस अधीक्षक, महासमुंद
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