फायर आडिट, अस्पताल नहीं ले रहे रुचि, अधिकारी भी बेसुध

बिलासपुर 07 सितम्बर (वेदांत समाचार) असमय आग लगने के मामलों से निपटने के लिए अब अस्पतालों, क्लीनिक व जांच सेंटर को खुद से अपना फायर आडिट कराना है। इसके लिए जिले के 502 चिकित्सा संस्थानों को 10 दिन का समय दिया गया। वहीं अब दो सप्ताह बीत चुके हैं और अब तक सिर्फ पांच अस्पतालों ने फायर आडिट की रिपोर्ट सौंपी है। शासन के सख्त निर्देश के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है।

कोरोना महामारी के दौरान भी देश के कई बड़े अस्पतालों में आग लगी थी। इसी तरह बीच-बीच में अस्पतालों में आग लगने की बात सामने आती है। इसमें यह बात भी सामने आई है कि मापदंड के अनुरूप फायर सेफ्टी फीचर नहीं होने से इसके गंभीर परिणाम सामने आए हैं। वही केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। सभी जिले के स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि वे सभी अस्पतालों के फायर आडिट की रिपोर्ट मांगें। जिन अस्पतालों ने फायर आडिट नहीं कराया है, उन्हें इसके लिए निर्देशित करें।

ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल, क्लीनिक और जांच सेंटर को मिलाकर कुल 502 चिकित्सकीय संस्थानों को फायर आडिट कराने के लिए 10 दिन का समय दिया है। साथ ही चेतावनी दी थी कि 10 दिन के भीतर फायर आडिट रिपोर्ट नहीं सौंपी गई तो लाइसेंस रद करने की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग की इस चेतावनी को हल्के में लिया गया है। इसी वजह से अभी तक सिर्फ पांच अस्पताल ने फायर आडिट रिपोर्ट सौंपी है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शांत बैठे हुए हैं। कड़ाई नहीं करने की वजह से अस्पताल फायर आडिट नहीं करा रहे हैं। जबकि 90 प्रतिशत अस्पताल में फायर सेफ्टी मापदंड के अनुरूप नहीं हंै।

वर्जन अभी तक सिर्फ पांच अस्पतालों ने फायर आडिट की रिपोर्ट सौंपी है। सभी अस्पतालों को एक बार फिर समय दिया गया है। यदि अब वे फायर आडिट रिपोर्ट नहीं सौंपते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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