स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय योजना के अंतर्गत रायपुर में संचालित स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है। विभाग ने 253 पदों पर शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, ग्रंथपाल, क्लर्क और चौकीदारों की चयन सूची जारी कर दी है। चयन सूची वेबसाइट https://deoraipur.com पर अपलोड कर दिया गया है। सभी को 15 सितंबर तक ज्वाइन करना है।
इनकी नियुक्ति स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय कुंरा धरसींवा, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय अभनपुर, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय आरंग, माता बिन्नी बाई सोनकर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय भाटागांव रायपुर, बीपी पुजारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल, प्रियदर्शनी अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय नेवरा,पं.आर डी. तिवारी अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय रायपुर, बी.पी. पुजारी अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय राजातालाब रायपुर और शहीद स्मारक अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय फाफाडीह, रायपुर में की जाएगी।
बच्चों की उपलब्धि में सुधार के लिए अब पढ़ई तुंहर दुआर 2.0
राज्य में कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों में पढ़ई तुंहर दुआर 2.0 के नाम से एक समयबद्ध कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम के माध्यम से कोरोना की वजह से हुए लर्निंग लास को कम करने के साथ विद्यार्थियों की उपलब्धि में सुधार लाया जाएगा। बच्चों में प्राथमिक स्तर पर पठन, लेखन कौशल और मूलभूत गणितीय कौशल विकास, मिडिल स्कूल स्तर पर हिंदी और अंग्रजी में पठन कौशल, सृजनात्मक लेखन कौशल विभाग, गणित विषय में दक्षता बढ़ाना, विज्ञान में प्रयोगों का प्रदर्शन पव सामाजिक अध्ययन में विभिन्ना प्रोजेक्ट कार्यों का कराया जाएगा।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ने में रुचि और स्पीड के साथ समझ विकसित करना, हिंदी एवं अंग्रेजी में लेखन कौशल विकास, विज्ञान के विभिन्ना विषयों के प्रयोग, गणितीय अवधारणाओं की समझ विकसित की जाएगी। यह कार्यक्रम जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से संचालित होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डा. कमलप्रीत सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कार्यक्रम संचालन में समय-सीमा का पालन किया जाए। वृहद स्तर पर विभिन्ना प्रस्तावित कार्यक्रमों का संचालन जिले के सभी स्कूलों में अनिवार्यत: सुनिश्चित करें। कार्यक्रम से स्कूलों को प्राचार्यों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थाओं के सभी सदस्य एवं जिला शिक्षा मिशन समन्वयक को शामिल कर क्रियान्वित करें।
बच्चों का जान सकेंगे उपलब्धि स्तर
जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में बताया गया है कि राज्य में वर्तमान में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा बेसलाइन आकलन किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारियों को जिले के सभी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की वर्तमान स्थिति एवं विद्यार्थी के पास अपने वर्तमान में दर्ज कक्षा से कितनी कक्षा पहले की दक्षता है, इसकी स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी। साथ ही मिड-लाइन और एंड लाइन रिपोर्ट के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी जिले में विद्यार्थियों की प्रगति की ट्रेकिंग भी कर सकेंगे।
शत-प्रतिशत उपस्थिति जरूरी
जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अभिभावकों से संपर्क कर सभी स्कूलों में विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। शिक्षकों को विभिन्ना गैर-शिक्षकीय कार्यों से हटाकर अधिक से अधिक समय कक्षा में बच्चों को सीखने में सक्रिय रखे। जिला एवं विकासखंड स्तर पर पढ़ना-लिखना, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन एवं अन्य विषयों के लिए प्रत्येक स्तर पर कम से कम दस-दस मेंटर का चयन कर लिया जाए। निर्देश में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में मेंटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उनमें कार्यक्रम की बेहतर समझ विकसित करते हुए अपने संपर्क में आने वाले शिक्षकों को इस कार्यक्रम में जोडें। रखने के लिए मेंटर एवं शिक्षकों को सभी आवश्यक क्षमता विकास कार्यक्रमों का नियमित आयोजन किया जाए। मेंटर के माध्यम से विभिन्ना दक्षताओं के विकास के लिए सामग्री की मैपिंग, दिन-प्रतिदिन क्या-क्या सीखना होगा, अभ्यास करना होगा, विभिन्ना दक्षताओं पर सामग्री निर्माण कर शालाओं तक अभ्यास के लिए सोशियल मीडिया से पहुंचाना, शिक्षकों का क्षमता विकास आदि किया जाए।
शिक्षकों के लिए ये हैं निर्देश
डा. कमलप्रीत ने कहा है कि मेंटर और प्रोफेशनल लर्निग कम्युनिटी को सक्रिय रखने टेलाग्राम गु्रप में सभी शत-प्रतिशत शिक्षकों को शामिल करें और विद्यार्थियों से जुड़े रहने के लिए उनके पालकों को वाट्सएप ग्रुप में कक्षावार जोड़ें। स्कूल, संकुल, विकासखंड एवं जिला स्तर पर निर्धारित तिथियों में निर्धारित स्तरों के लिए विभिन्ना प्रतियोगिताओं का आयोजन पूरी गंभीरता से करते हुए प्रत्येक स्कूल में निर्धारित गतिविधियों का आयोजन सुनिश्चित किया जाए।
इस पूरी प्रक्रिया में समुदाय को सक्रिय रूप से शामिल किया जाए। प्रत्येक कक्षा में इस कार्यक्रम के अंतर्गत फोकस किए जा रहे लर्निग आउटकम को ध्यान में रखकर विद्यार्थी विकास सूचकांक का नियमित उपयोग कर अद्यतन रखा जाए। मानिटरिंग के दौरान विद्यार्थी विकास सूचकांक के अधार पर विद्यार्थियों का आकलन करें।
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