राष्ट्रीय पोषण माह – 30 सितंबर तक,पोषण के प्रति जागरूकता के लिए दीवारों पर लिखे जा रहे प्रेरक नारे,पोषण वाटिका निर्माण को किया जा रहा प्रोत्साहित

जांजगीर-चांपा जिले में राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन 1 सितंबर से प्रारंभ हो गया है। यह आयोजन 30 सितंबर तक चलेगा। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रचार प्रसार एवं जन जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैैं। कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने इस दौरान आयोजित होने वाले सभी गतिविधियों को डिजिटल जन आंदोलन के रूप में आयोजित कर पोषण माह को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा दीवारों पर प्रेरक नारों के माध्यम से सुपोषण की जागरूकता के दीवर लेखन के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर जन चौपाल और बैठकों का आयोजन भी किया जा रहा है। पौष्टिक आहार के लिए लोगों को घरों में तथा आंगनबाड़ी परिसर में पोषण वाटिका के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए निःशुल्क पौधे भी वितरित किए जा रहे हैं। पोषण माह के दौरान पौष्टिक सब्जियां, फलदार पौधों को घर की बाड़ियों , सामुदायिक बाड़ियों खाली पड़ी भूमि में रोपण करने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों स्कूल भवनों, शासकीय भवनों में तथा नगरीय क्षेत्रों में घर की छतों पर पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बच्चों में व्याप्त कुपोषण और एनीमिया के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने अन्य गतिविधियों के अलावा जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधी व्यापक प्रचार और प्रभावी सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन हेतु जन आंदोलन के रूप में वर्ष 2018 से प्रतिवर्ष “राष्ट्रीय पोषण माह“ का आयोजन किया जा रहा है। कोविड-19, के संक्रमण से उद्भूत वैश्विक आपदा की स्थिति के कारण इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह को अन्य माध्यमों के साथ साथ यथा आवश्यकता डिजिटल जन आंदोलन के रूप में मनाया जा रहा है।
पोषण माह के दौरान सही पोषण- छत्तीसगढ़ रोशन की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों क्षेत्रीय अमले एवं जनसमुदाय का सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है।

राष्ट्रीय पोषण माह -2021 का एक प्रमुख उद्देश्य गंभीर कुपोषित बच्चों की शीघ्र पहचान एवं उन्हें संदर्भित किया जाना है। बच्चों की उत्तरजीविता में सुधार हेतु बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ समय पर ऊपरी आहार दिया जाना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। पोषण गाह के दौरान शीघ्र स्तनपान एवं 06 माह तक संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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