रायपुर। सड़क पर विचरण करने वाले मवेशियों के चलते लगातार हादसे हो रहे हैं, मगर इन मवेशियों को सड़कों से दूर रखने के लिए कोई भी स्थाई विकल्प नहीं तैयार किया जा सका है। यही वजह है की यातायात विभाग ऐसे हादसों को रोकने के नित नए उपाय करता रहता है।
स्टोरी 01 :– शनिवार की रात राजधानी में तीन युवक अपनी कार से काफी तेज गति में शहर की तरफ जा रहे थे। तभी एयरपोर्ट मोड़ के पास सांड से इनकी गाड़ी टकरा गई। कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से भिड़ी और इसके बाद डिवाइडर पर लगे लाइट के एक खंभे से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार बुरी तरह पिचक गई। अंदर बैठे तीनों युवकों में से दो की मौत हो गई।
स्टोरी 02 :- कोरबा में कटघोरा-अंबिकापुर नेशनल हाइवे पर एक भीषण सड़क हादसा हो गया जिसमें एक दर्जन से ज्यादा मवेशियों की जान चली गई। तानाखार के पास सड़क पर बैठे एक दर्जन से ज्यादा मवेशियों को किसी भारी वाहन ने रात के समय रौंद दिया। सुबह सभी मवेशी सड़क पर मरे पड़े थे। सड़क पर खून ही खून दिख रहा था। ऐसे हालात को जिसने भी देखा वह अवाक रह गया।
प्रदेश भर के हाइवे, रिंग रोड हर रोज मवेशियों और वाहन चालकों के खून से लाल हो रहे हैं। आकंड़े बताते हैं कि हर महीने सड़क दुर्घटना में 100 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो रही है, वहीं हादसों में मरने वाले वाहन चालकों की संख्या इससे काफी ज्यादा है। ऐसे हादसों को रोक पाने में नगर निगम और प्रशासन विफल साबित हो रहा है। वहीं हादसों से परेशान यातायात विभाग लोगों को जागरूक बनाने के साथ ही कुछ अलग हटके प्रयास कर रहा है।
दुर्ग जिले की यातायात पुलिस ने इन दिनों सड़क पर विचरण करने वाले आवारा मवेशियों के सींग पर रेडियम लगाने का अभियान शुरू किया है, ताकि रात के अँधेरे में सड़क में बैठे मवेशी दूर से नजर आ जाएं, जिससे सड़क दुर्घटना से मवेशी और वाहन चालकों की जान सुरक्षित रहे और अप्रिय घटना को रोका जा सके ।
सैकड़ों मवेशियों के सींग पर लगाया गया रेडियम
दुर्ग पुलिस के मुताबिक विगत दिनो सड़कों पर मवेशियों के विचरण करने के फलस्वरूप कुछ दुर्घटनाएँ हुई है, जिसमें वाहन चालक घायल हो गए साथ ही मवेशियों को भी चोटें आयीं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों से मवेशियों को हटाने के साथ ही उनके सिंग पर रेडियम चिपकाया जा रहा है। बीते 03 दिनों में लगभग 300 मवेशियों के सींग पर रेडियम लगाने का कार्य यातायात पुलिस द्वारा किया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़कों पर कितने मवेशी विचरण करते हैं।
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