मैसूर यूनिवर्सिटी ने शाम को अकेले लड़कियों की आवाजाही पर लगाई रोक, मच गया हंगामा

बेंगलुरू 29 अगस्त (वेदांत समाचार) : मैसूर विश्वविद्यालय ने कैंपस परिसर में छात्राओं की आवाजाही को प्रतिबंधित करने वाले अपने आदेश (सर्कुलर) को वापस ले लिया है. ये जानकारी राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण द्वारा जारी किए गए निर्देश के बाद सामने आयी. शिक्षा मंत्री के मुताबिक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने शुक्रवार को जो आदेश जारी किया था उसे रद्द किया गया है. दरअसल पहले आए आदेश के मुताबिक शाम 6.30 बजे के बाद कुक्कराहल्ली झील क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश और परिसर में अकेले छात्राओं की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी.

नारायण ने कहा, ‘परिसरों के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करना कुलपतियों की जिम्मेदारी है. उन्हें विश्वविद्यालय परिसरों में निगरानी बढ़ाने के लिए मौजूद हाईटेक तकनीक का सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए. कैंपस के भीतर गश्त को बढ़ाने और सख्ती से सेफ्टी मानकों का पालन कराने के उपाय करने चाहिए. छात्रों को जागरूक करने के साथ सतर्कता बढ़ाने के लिए ड्रोन (Drone) के इस्तेमाल पर भी विचार किया जा सकता है. मैं सभी विश्वविद्यालय के परिसरों में गश्त बढ़ाने के बारे में संबंधित लोगों से चर्चा करूंगा.’

क्या था मामला?

अपने पिछले आदेश में ऐतिहासिक मैसूर विश्वविद्यालय ने शुक्रवार (27 अगस्त) से परिसर में शाम 6.30 बजे के बाद छात्राओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था. शहर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना की पृष्ठभूमि में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश से आक्रोश फैल गया था. कुलपति प्रो. जी. हेमंत कुमार ने शनिवार तक आदेश में सुधार का आश्वासन दिया था.

आदेश में कहा गया था कि मैसूर विश्वविद्यालय परिसर के परिसर में शाम 6.30 बजे के बाद छात्राओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं इस आदेश में ये भी कहा गया था कि निर्धारित समय के बाद छात्राओं के परिसर में कहीं भी बैठने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है.आदेश में यह भी कहा गया है कि प्रसिद्ध कुक्कराहल्ली झील परिसर में शाम 6.30 बजे के बाद जनता का प्रवेश रोक दिया गया है. यह झील मैसूर विश्वविद्यालय परिसर के निकट स्थित है और प्रकृति प्रेमियों द्वारा पसंद की जाती है. यूनीवर्सिटी प्रशासन ने कैंपस की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं. वहीं कुलपति ने स्पष्ट किया था कि वह शनिवार तक आदेश में संशोधन करा देंगे.

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