अंबिकापुर/ छत्तीगसगढ़ के सरगुजा में एक जंगली मादा भालू की हत्या का मामला सामने आया है। 2 आरोपियों ने मादा भालू को इसलिए मारा डाला क्योंकि भालू ने उन पर हमला किया था। दोनों ने मिलकर भालू के शरीर पर 7 बार हमला किया था और उसकी हत्या करने के बाद घटनस्थल से दूर एक जंगल में शव को छिपा दिया था। मामला का खुलासा तब हो पाया था, जब ग्रामीणों ने इस बात की जानकारी वन विभाग को दी। फिर 25 लोगों ने मादा भालू के शव को कड़ी मशक्कत के बाद खोज निकाला है। इस मामले में 2 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है।
पूरा मामला उदयपुर वन परिक्षेत्र के ललाती गांव के मोहर घुटरा जंगल का है। प्रदेश में पिछले एक साल में 3 भालुओं की मौत अलग-अलग कारणों से हो गई है। मवेशी चरा रहे थे दोनों बताया गया है कि मोहर घुटरा जंगल में 20 अगस्त को मवेशी चरा रहे ललाती निवासी घुरन राम पर मादा भालू ने हमला कर दिया था। पास में मवेशी चरा रहे खुटरापारा निवासी कुन्नू राम बीच बचाव करने पहुंचा और भालू को पीछे की ओर से दोनों हाथों से कसकर पकड़ लिया, जिससे घूरन राम भालू के पकड़ से छूट गया। पर भालू ने कुन्नू राम के हाथ को बुरी तरह से जख्मी कर दिया। इसी बात से गुस्से में आकर घुरन राम ने टांगी से कई बार भालू के शरीर पर हमला किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं भालू के हमले से घूरन एवं कुन्नू दोनों जख्मी थे, लेकिन उन्होंने इस बात की जानकारी वन विभाग को नहीं दी। इतना ही नहीं उन्होंने भालू को 20 अगस्त की ही रात को प्रेमनगर वन परिक्षेत्र के ग्राम सरस्वतीपुर के कोसम झरिया जंगल मे गड्ढे में छिपा दिया था।
मादा भालू का शव गड्ढे में पड़ा मिला है। 24 अगस्त को वन विभाग को पता चला इधर, 24 अगस्त को ग्रामीण सूत्रों से वन विभाग को इस बात की जानकारी मिली कि भालू की हत्या की गई है। तब संदेह के आधार पर वन विभाग की टीम ने कुन्नू और घुरन को पूछताछ के लिए वन परिक्षेत्र कार्यालय बुलाया । जहां उन्होंने कड़ाई से पूछताछ के दौरान ये कबूल किया उन्होंने अपनी आत्मरक्षा के लिए घटना को अंजाम दिया है। घसीटने के निशान की मदद से खोजा गया 25 अगस्त को वन विभाग ने भालू के शव की भी तलाश शुरू की और 25 अगस्त को ही ग्रामीणों की मदद से झरिया जंगल में सुबह 10 बजे 1.30 बजे तक भालू का शव को खोजा गया। इसके लिए 25 से ज्यादा ग्रामीणों ने वन विभाग की मदद की तब जाकर भालू के बाल, गीली मिट्टी के निशान पत्तों पर दिखने तथा घसीटने के निशान जगह-जगह मिलने के बाद उसी के सहारे घने जंगलों के बीच पत्थर के लिए खोदे गए गड्ढे में मादा भालू का शव मिला है। शव निकालने के बाद उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें ये पाया गया कि भालू के कमर में 6 बार और गर्दन में टांगी से एक बार हमला किया गया है। इस पर आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। 26 अगस्त को कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने के कारण उन्हें जेल दाखिल नहीं का जा सका। इसके बाद 27 अगस्त को दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
वन विभाग ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी शनिवार रात को दी है। भालू के शव को खोजने 25 से ज्यादा ग्रामीणों की मदद ली गई। 4 लोगों को मारने वाले भालू की हत्या प्रदेश में भालूओं के मौत मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। करीब 8 महीने पहले गौरेला-पेंड्रा मरवाही के ग्राम अंडी में किसान सुंदर सिंह की बाड़ी में एक दुर्लभ प्रजाति के सफेद भालू की मौत कुएं में ही गिरने से हो गई। उसकी मां उसे काफी देर तक बचाने का प्रयास करती रही थी, लेकिन उस भालू की मौत हो गई। इससे करीब 9 महीने पहले कोरिया में 4 ग्रामीणों की जान लेने वाली मादा भालू की भी हत्या की गई थी। उस मादा भालू का शव देवगढ़ जंगल से बरामद किया था।
पोस्टमॉर्टम में उसकी हत्या की बात सामने आई थी। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही सबसे ज्यादा प्रभावित छत्तीसगढ़ में भालू और हाथी के उत्पात मचाने की मामले लगातार सामने आते हैं। खासकर भालू के आतंक से सबसे ज्यादा प्रभावित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला है। यहां करीब 3 पहले भालू ने खेत में काम कर रहे शख्स पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। इतना ही नहीं एक भालू उसके एक रात पहले अस्पताल परिसर में पहुंच गया था।
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