CM शिवराज 29 अगस्त को बालाघाट से करेंगे पीएम स्वनिधि योजना के हितग्राहियों से संवाद

भोपाल 28 अगस्त (वेदांत समाचार) । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 29 अगस्त को दोपहर एक बजे से बालाघाट में पीएम स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को ऋण वितरण कर उनसे संवाद भी करेंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के उद्बोधन एवं संवाद का प्रसारण वेबकॉस्ट लिंक के माध्यम से विभिन्न सोशल मीडिया के प्लेटफार्म, टी.व्ही. न्यू चैनल्स और दूरदर्शन पर किया जायेगा। कार्यक्रम में सभी मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। सभी नगरीय निकाय इस कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ेंगे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण एक जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक कुल 4 लाख 2 हजार शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण वितरित करने के लक्ष्य के विरूद्ध 3 लाख 50 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित कर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। प्रदेश में 6 लाख 72 हजार शहरी पथ विक्रताओं को पहचान-पत्र जारी किये गये हैं। इनमें से 5 लाख 4 1 हजार के आवेदन बैंक में प्रस्तुत कर दिये गये हैं।

योजना के प्रथम चरण में 12 मार्च 2021 तक 3 लाख हितग्राहियों को 10 हजार प्रति हितग्राही के मान से 300 करोड़ रूपये के ऋण वितरित किये गये थे। इसके बाद अभी तक 50 हजार नवीन शहरी पथ विक्रेताओं को 10 हजार रूपये के मान से 50 करोड़ के ऋण वितरित किये गये हैं।

डिजिटल पेमेंट करने पर 11 लाख का कैशबैक

डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से क्रय-विक्रय करने वाले पथ विक्रेताओं को लगभग 11 लाख रूपये का कैशबैक अभी तक प्राप्त हो चुका है। डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिये डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले पथ विक्रेताओं को 100 रूपये का कैशबैक प्रतिमाह प्राप्त होता है।

योजना के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अव्वल

पीएम स्वनिधि योजना का द्वितीय चरण 18 अगस्त 2021 से शुरू किया गया है। योजना में प्रथम चरण के शहरी पथ विक्रेता, जो 10 हजार रूपये का ऋण पूरी तरह चुका देते हैं, वे 20 हजार रूपये के ऋण के पात्र हो जाते हैं। प्रदेश में इस चरण में 600 पथ विक्रेताओं को 20-20 हजार रूपये का ऋण वितरित किया गया है। जबकि पूरे देश में मात्र 1200 हितग्राहियों को ऋण वितरित किये गये हैं। इस तरह से पीएम स्वनिधि द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

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