कोरबा:बैंक की कतार में किसान शाम तक , बिचौलियों का काम कुछ ही मिनटों

ग्रामीण अंचलों में संचालित सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित में किसानों की कतार बड़े पैमाने पर लग रही है। यहां एक तरह से मेला लगने जैसा माहौल निर्मित हो रहा है। किसान सुबह से आकर शाम तक अपनी बारी का इंतजार करता है और फिर खाली हाथ वापस लौटने के लिए भी मजबूर हो जाता है।

करतला ब्लॉक के ग्राम बरपाली में संचालित सहकारी बैंक का कुछ ऐसा ही हाल है। यहां पूरे करतला विकासखंड के किसान पहुंचते हैं। इनके अलावा सामान्य उपभोक्ता भी इस बैंक में खाताधारक हैं। खेती- किसानी के समय में किसानों का ज्यादा समय बैंक का चक्कर काटने में बीत रहा है। बताया जाता है कि यहां किसान सुबह 9 बजे पहुंचता है और लाइन में लगकर शाम 5 बजे तक भी अपने बारी का इंतजार ही करते रहता है जबकि बिचौलियों का काम कुछ ही मिनटों के भीतर शॉर्टकट रास्ते से निपटा दिया जाता है। शिकायत यह भी है कि यहां आने वाले सभी किसानों को विड्रॉल फॉर्म नहीं दिया जाता बल्कि अपने हिसाब से किसानों को फॉर्म देकर बाकी को खाली हाथ रखा जाता है जिसके कारण वह बैंक संबंधी काम से वंचित रह जाता है।

कहा जा सकता है कि बिचौलिए यहां हावी हैं। इसके अलावा किसानों से पृथक सामान्य खाताधारक को भी अपने लेन-देन के लिए इनके साथ ही कतार में खड़े रहने की मजबूरी है जो कि काफी लंबी होती है। सैकड़ों ऐसे किसान भी हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की योजना का लाभ लेने के लिए नया खाता खुलवाया है, ऐसे किसानों को विगत 2 माह से ना तो एटीएम कार्ड जारी हुआ है और ना ही चेक बुक जारी हो रहे हैं। वे भी बैंक का चक्कर लगा-लगा कर परेशान हैं। किसानों को कतार में लगने के लिए अपनी चप्पलें तक रखनी पड़ रही है। स्थानीय लोग बताते हैं कि बैंक में पर्याप्त स्टाफ की लगातार कमी बनी हुई है। यहां पूर्व प्रबंधक श्रीमती पूर्णिमा गुरुद्वान करीब 2 माह पहले अस्वस्थ होने के कारण उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराई गई जिन्होंने अपना प्रभार क्लर्क मनोज तिवारी को सौंप दिया था। विगत दिनों पूर्णिमा गुरुद्वान का दु:खद निधन हो गया। 2 माह से मनोज तिवारी यहां का प्रभार संभाल रहे हैं

लेकिन उनसे व्यवस्था संभाले नहीं संभल रही। बैंक में स्टाफ की कमी इस कदर बनी हुई है कि वर्तमान में कुशल तिवारी, सतीश पांडे और प्रभारी प्रबंधक मनोज तिवारी मिलकर काम संभाल रहे हैं जबकि एक महिला कर्मचारी मातृत्व अवकाश पर चल रही हैं। सहकारी बैंक की यह बदहाली उच्च अधिकारियों से भी छिपी नहीं है लेकिन वे भी पर्याप्त स्टाफ की पूर्ति ना कर काम चलाऊ व्यवस्था पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। 0 शाखा बढ़ाने की है आवश्यकता, प्रस्ताव ठंडे बस्ते में


करतला विकासखंड के ग्रामीणों व किसानों के लिए एकमात्र सहकारी बैंक ग्राम बरपाली में है। ग्राहक संख्या और दूरी के हिसाब से इस विकासखंड में कम से कम दो नए शाखा खोलने की जरूरत बनी हुई है। सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ए के जोशी ने बताया कि किसी पर कार्रवाई करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है लेकिन वे भी चाहते हैं कि व्यवस्थाएं दुरुस्त हो तथा स्टाफ की पर्याप्त पूर्ति हो। उनके द्वारा तत्कालीन कोरबा कलेक्टर मोहम्मद कैसर अब्दुल हक के कार्यकाल में करतला ब्लाक में करतला व नोनबिर्रा में सहकारी बैंक की शाखा खोलने का प्रस्ताव दिया गया था। यह प्रस्ताव आज पर्यंत लंबित है। हाल ही में उन्होंने पुनः सहकारी बैंक के अध्यक्ष सहित अधिकारियों को पत्र लिखा है। नोडल अधिकारी यह भी कहते हैं कि अव्यवस्था को लेकर शिकायतें तो सामने आती रही है लेकिन किसानों के द्वारा लिखित शिकायत नहीं की गई है जिसके कारण ऊपर तक बात पहुंचाने में तकनीकी दिक्कत होती है।

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