रायपुर 25 अगस्त (वेदांत समाचार)। साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ठग नए-नए तरीके ईजाद कर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में सतर्क रहकर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। जागरूकता ही ठगी का बचाव है। अगर कोई भी ठगी का शिकार होता है तो 24 घंटे के अंदर संबंधित थाने में और साइबर सेल में इसकी सूचना दे। ऐसा करने से 90 फीसद पैसे वापस होने के चांस रहते हैं। यह कहना है हेलो नईदुनिया के अतिथि राज्य साइबर प्रभारी वीरेंद्र चंद्रा का। वे मंगलवार को लोगों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट के दौर में साइबर ठगी और भी आसान हो गई है। ठग रैंडम नंबरों पर फोन करते हैं और किसी इनाम या आफर का लालच देकर बैंक की डिटेल्स ले लेते हैं। इतना ही नहीं, अपनी बातों में फंसाकर ओटीपी भी तक ले लेते हैं और पलक झपकते ही बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं। फेसबुक प्रोफाइल हैक कर रिश्तेदारों, परिचितों से पैसे मांगते हैं।
हेलो नईदुनिया में पूछे गए सवाल और उनके जवाबसवाल- लाटरी लगने के फोन काल रोजाना आते हैं। फोन करने वालों को नंबर कहां से मिल जाता है? -डा. हितेश दीवान, रायपुरजवाब- कुछ कंपनियां हैं, जो चंद पैसों के लिए नंबर बेचती हैं। अगर इस तरह के फोन काल आते हैं तो सबसे पहले उन्हें ब्लाक कर दें। किसी भी तरह की लाटरी या आफर के लालच में न आएं।
सवाल- साइबर क्राइम रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या उपाय किया जा रहा? -विजय दुबे, रायपुरजवाब- साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता ही उपाय है। इसके लिए लगातार साइबर और थाने की टीमें स्कूल और कालोनियों में जाकर लोगों को जागरूक करती हैं। इसके अलावा रायपुर पुलिस के फेसबुक पेज पर रोजाना साइबर से बचने और ठगों के तरीकों के बारे में बताया जाता है।
सवाल- साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करें? -संजय साहू, रायपुर, इंदर, दुर्गजवाब- साइबर ठगी का शिकार होने पर इसकी सूचना सबसे पहले थाने में दें। जितनी जल्दी सूचना मिलेगी पुलिस ठगी की रकम को वापस दिलाने में मदद कर सकेगी। ठग पैसे को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में तेजी से ट्रांसफर कर देते हैं।
सवाल-
अननोन मैसेज आते हैं। अगर ठगी के शिकार हो जाते हंै तो क्या करना चाहिए?
– डा. स्मृति शर्मा,
रायपुर, राजेश साहू, धमतरी
जवाब-
लोगों को इस प्रकार की ठगी के शिकार होने से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही आरबीआइ भी कहती है कि उपभोक्ता किसी भी अपना ओटीपी, पासवर्ड न दें। इसके लिए साइबर पुलिस रायपुर द्वारा टोल-फ्री नंबर भी शुरू किया गया है।
सवाल-
ठगी से बचने के लिए किस प्रकार की सावधानी बरतें? – घनश्याम, दिल्लीजवाब- किसी भी प्रकार के अननोन नंबर का जवाब न दें। किसी भी प्रकार से ठगी तभी होती है, जब आप लालच में पड़ते हैं, इसलिए यह समझ लीजिए कि लालच में आकर अपने पैसे न गवाएं और किसी को भी ओटीपी, पासवर्ड, पैनकार्ड, आधार कार्ड न दें।सवाल- केबीसी में इनाम जीतने के नाम पर आया था काल, क्यां करें? – राजेश, धमतरीजवाब- इस प्रकार के किसी भी काल के चक्कर में न पड़े और जरूरत पड़े तो उस नंबर को ही ब्लाक कर दे। किसी भी को भी अपना ओटीपी, पासवर्ड न बताएं।सवाल- वीडियो काल के जरिए लोगों से ठगी की जा रही, इसके लिए क्या करें? – सन्नी अग्रवाल, रायपुरजवाब- सबसे पहले अनजान नंबर से वीडियो काल आने पर न उठाएं। ये ठगों का गिरोह रहता है। जो पहले फेसबुक में दोस्ती करता है। वह लकड़ी के नाम से रहता है। इसके बाद आप से बात करेगा और फिर वाट्सएप नंबर लिया जाएगा।काल करने पर आप का वीडियो रिकार्ड कर उसको एडिट किया जाएगा। इसके बाद ब्लैकमेल कर पैसे की मांग की जाएगी। ऐसा होने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें। किसी को पैसे न दें।सवाल- पिछले दिनों मेरी फेसबुक आइडी हैक कर ली गई और परिचितों से पैसे की मांग की जा रही थी, ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए क्या किया जाता है? – अरोग शर्मा, रायपुर, अराध्या पांडेय, भिलाईजवाब- फेसबुक आइडी हैक होने पर इसकी सूचना तत्काल साइबर सेल में दर्ज करवाएं, ताकि फर्जी आइडी, जिससे पैसे की मांग की जा रही है उसे बंद किया जाए। इसके अलावा फेसबुक आइडी में दो स्टेप लाक कर रखें।अपना प्रोफाइल लाक कर रखें। बिना जान पहचान वाले को न जोड़ें।सवाल- अनोन नंबर से रोजाना फोन आते हैं, ऐसे में क्या करना चाहिए? -रजनी शर्मा, रायपुर, केके वाधवानी, रायपुरजवाब- अननोन नंबर से अगर आप को फोन आता है तो उसे ब्लाक कर दें। अगर कोई अलग मैसेज करता है तो इसकी जानकारी पुलिस थाने में दें। इसे नंबरों को ट्रेस कर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है।सवाल- साइबर की ठगी से बचने और चिटफंड कंपनी चलाने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है? – शुभम साहू, रायपुरजवाब- चिटफंड कंपनी जो डुप्लीकंट सर्टीफिकेट के माध्यम से शुरूआत करती है। हालांकि किसी भी कंपनी को शुरू करने से पहले पुलिस को इसकी सूचना देती है। कंपनी संचालक बेहद ही शातिर तरीके से पूरा रिकार्ड थाने में जमा करते हैं। इसके बाद वह पहले लोगों एक साल तक ज्यादा पैसे देती है, लेकिन जब लोगों की संख्या बढ़ जाती है और रकम अच्छी खासी उनके पास आ जाती है तो वह फरार हो जाते हैं।सवाल- लक्की ड्रा के नाम पर 52 हजार रुपये की ठगी हुई? शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई? -मूलचंद साहू, धमतरीजवाब- थाने में शिकायत के बाद वह साइबर के पास जाता है। टीम उसकी जांच करती है।एक नंबर को ज्यादा दिन तक नहीं चलाते इस वजह से खोजना मुश्किल होता है। पुलिस और साइबर की टीम लगातार पकड़ने का प्रयास करती है।साइबर क्राइम का शिकार होने पर यह करें?
- – cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत करें
- – साइबर फाइनेंशियल क्राइम हेल्पलाइन नंबर 155260 काल कर सहायता प्राप्त करें।
- – शिकायत दर्ज कराने के लिए उपरोक्त पोर्टल पर उपलब्ध वाणी चैट बोट की मदद लें।
- – नजदीकी पुलिस थाना या साइबर सेल से संपर्क करें।
कैसे करें बचाव
- – किसी भी तरह के आफर और लालच में न आएं।
- – अनजान व्यक्ति से फोन पर बात कर उसके बहकावे में न आएं।
- – अच्छी तरह जांच करने के बाद ही किसी भी बैंक खाते में राशि डालें।
- – फेसबुक, टि्वटर आइडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखें, सरल पासवर्ड न रखें।
- – कोई पैसे की मांग करता है तो पहले जांच लें या मैसेज करने वाले से फोन पर संपर्क करें।
- – बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर डिटेल्स नहीं मांगते हैं।
- – अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी किसी को न भेजें।
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