हाल-ए-आरटीई, छत्‍तीसगढ़ में मुफ्त की पढ़ाई से मोहभंग

रायपुर । शिक्षा के अधिकार अधिनियम(आरटीई) के तहत पहले चरण की लाटरी जारी हुए दो सप्ताह हो रहे हैं, इसके बाद भी अभिभावक दाखिले के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। आलम यह है कि प्रदेश के 29 जिलों में से रायपुर, दुर्ग, कोरबा, कोरिया और धमतरी को छोड़कर बाकी जिलों में जितनी सीट है उसके मुकाबले कम आवेदन आए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो इस साल अगस्त तक आरटीई की प्रक्रिया चलने से देरी हो रही है, इस वजह से पात्र अभिभावकों ने भी अपने बच्चों को मुफ्त की पढ़ाई से दूर कर लिया है।

बता दें कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसद सीटों पर गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला होता है और इसकी फीस सरकार वहन करती है। रायपुर में सीटों के मुकाबले अधिक आवेदन आए हैं। इनमें से 115 बच्चों ने स्कूल में दाखिला ही नहीं कराया है। पहले चरण की लाटरी की लाटरी 14 अगस्त को जारी की गई थी। इसके बाद दो हजार बच्चों ने निश्शुल्क पढ़ाई की सुविधा लेने से पहले ही सीट छोड़ दी ।

जिला आवेदन आए स्कूल कुल सीट रद हुए प्रक्रिया में स्कूल छोड़े चयनितरायपुर

10503 812 8351 956 105 115 4341

बिलासुपर 6896 522 9278 376 162 73 3483

दुर्ग 6814 540 6775 233 103 319 3537

कोरबा 5338 296 4874 121 17 286 2910

जांजगीर 4276 433 4959 396 153 20 2338

कुल जिलों में 71,822 आवेदन आए, स्‍कूल 6,533 में कुल 83,220 सीट हैं।

10 सितंबर तक पहले चरण का दाखिला

मामले के संबंध में रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने बताया कि पहले चरण का दाखिला 10 सितंबर तक होना है। इसके बाद जो सीट खाली है उसके लिए दोबारा आवेदन मंगाए जाएंगे।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]