नई दिल्ली. अफगानिस्तान (Afghanistan) में आईटीबीपी सुरक्षा कमांडो सुरक्षा दल में शामिल तीन श्वानों (Dogs) को अब जल्दी ही छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियानों (Anti-Naxal Operations Of Chhattisgarh) में तैनात किया जाएगा. अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद मंगलवार को वहां से सैन्य विमान से गाजियाबाद के हिंडन वायु सेना अड्डे पर उतरने के बाद तीनों श्वानों –रूबी (मादा. बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल), माया (मादा लेब्राडोर) तथा बॉबी (नर डॉबरमैन) को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला स्थित भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के शिविर में भेजा गया.
इन तीनों श्वानों ने काबुल में भारतीय दूतावास एवं इसके राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी कमांडो दस्ते के साथ तीन साल तक अपनी सेवायें दी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘इन तीनों श्वानों ने कई परिष्कृत विस्फोटक उपकरणों का पता लगाया और न केवल भारतीय राजनयिकों के जीवन की रक्षा की बल्कि वहां काम करने वाले अफगान नागरिकों का भी जीवन बचाया.’’ उन्होंने बताया, ‘‘इन तीनों को जल्दी ही छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल आईटीबीपी इकाईयों के साथ तैनात किया जाएगा.’’ गौरतलब है कि इन श्वानों को विदेश में तैनाती देने से पहले चंडीगढ़ के भानु स्थित आईटीबीपी श्वान राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र (एनटीसीडी) में प्रशिक्षित किया गया था.
वायुसेना ने सैकड़ों भारतीयों को किया एयरलिफ्ट
बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद फंसे भारतीय नागरिकों को मंगलवार शाम सी-17 ग्लोब मास्टर से हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया था. विमान शाम चार बजे जामनगर होते हुए यहां पहुंचा था. यात्रियों के विमान से बाहर आते ही भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे से एयरबेस गूंज उठा था. डर के साये से निकल अपनी सरजमीं पर आए नागरिकों के चेहरे खुशी से चमक उठे थे. गुलाब के फूलों की बौछार कर उनका स्वागत किया गया था. वायुसेना ने कड़ी सुरक्षा के बीच आईटीबीपी जवान, एंबेसी के स्टाफ, सिक्योरिटी इंचार्ज को बस व अन्य वाहनों से अपने गंतव्य की तरफ रवाना किया था.
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