नहीं है वर्चस्व कोरबा जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का…

कोरबा 23 अगस्त (वेदांत समाचार) आज पूरे प्रदेश में जहाँ एक ओर छत्तीससगड़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्मदिन एक पर्व के रूप में कांग्रेसी नेताओं द्वारा मनाया जा रहा है वही कांग्रेस का गढ़ कोरबा जिले में मुख्यमंत्री का जन्मदिन के नाम पर सन्नाटा पसरा हुआ है, जबकि कोरबा जिले में चार विधानसभा में कांग्रेस के तीन विधायक, नगर निगम, सभापति भी कांग्रेस के है, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, पत्नी ज्योत्सना महंत भी कोरबा लोकसभा की सांसद है। दो नगर पालिका अध्यक्ष, कई नगर पंचायत अध्यक्ष होने के बावजूद भी शहर में व ग्रामीण क्षेत्र में भी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन का कोई भी बैनर, पोस्टर नहीं है है बधाई का। पूरा शहर और जिला बीजेपी के बैनरों और पोस्टरों से पटा हुआ है मानों जैसे प्रदेश में आज भी बीजेपी की ही सरकार है। एक बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि जब तक कांग्रेस में आपसी फुट और अंदरूनी गुटबाजी है तब तक बीजेपी को लाभ है। इसका प्रमाण आपको इस विधानसभा में देखने को मिलेगा हम इस बार उम्मीद और पुरजोर कोशिश कर रहे है कि चारों विधानसभा में विधायक बीजेपी के होंगें। जबकि प्रदेश के कई जिलों में मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर अनेक शिलान्यास और आयोजन किये जा रहे है परन्तु कोरबा जिले इन सब आयोजनों से अछूता रह गया है।

कांग्रेस में खुलकर दिख रहा गुटबाजी


जहाँ एक ओर विधानसभ अध्यक्ष चरणदास महंत के समर्थक कोरबा में थोक के भाव में थे वही आज ऊँगली में भी गिने जा सकते है। राजनितिक जानकारों का कहना है कि चरणदास महंत का कोरबा जिले से सूर्य अस्त हो चुका है। वही कोरबा के विधायक जयसिंह अग्रवाल का कद राजनितिक व प्रसाशनिक में पहले से सौ गुना ज्यादा बड़ गया है। जिले में कांग्रेस के दो और विधायक है जिनकी निष्ठा अपने किस नेता के प्रति है, समझ से परे है। वही कोरबा नगर निगम में महापौर राजकिशोर प्रसाद भी कांग्रेस के है। नगर निगम में कांग्रेसी पार्षदों की बहुमत भी है। उसके बावजूद भी नगर निगम के एक भी वार्ड में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन का एक भी बैनर पोस्टर नजर नहीं आया

जिले में गुटबाजी का यह आलम है कि जिले में नहीं है कांग्रेस कार्यालय

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व अजित जोगी जब मुख्यमंत्री थे तो कांग्रेसी नेताओं ने उनकी एक कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मलेन में मौखिक तौर पर करोड़ों रुपये का चंदा दिए थे। उसके बावजूद भी मामला खटाई में रहा। जिले में कांग्रेस नेताओं ने अपने घर और ऑफिस को कांग्रेस कार्यालय घोषित कर रखा है। छतीसगढ़ में भूपेश कि सरकार बनाने के बाद एक बार फिर कांग्रेस कार्यालय कि मांग उठी जमीन का आबंटन भी हुआ, भूमिपूजन भी कॉंग्रेसियों के द्वारा धूमधाम से किया गया, गुटबाजी के कारण जिले में कांग्रेस कार्यालय खटाई में जाते नजर आ रहा है।

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