कोरबा 17 अगस्त (वेदांत समाचार)। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस देश का राष्ट्रीय पर्व है। जहाँ छोटे-छोटे स्कूलों से लेकर सभी शासकीय, अर्ध शासकीय एवं निजी कार्यालयों में बड़ी उमंग के साथ ध्वजारोहण किया जाता है किंतु कोरबा रेल प्रबंधक द्वारा इस राष्ट्रीय पर्व का मजाक उड़ाते हुए कोरबा रेलवे स्टेशन में ध्वजारोहण ना करना देशद्रोह है व कोरबा वासियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है।
स्वतंत्रता सेनानियों ने इस तिरंगे झंडे को लहराते देखने के लिए अपने प्राणों तक न्यौछावर कर दिया।आज स्वतंत्र भारत में यह स्थिति निर्मित है कि पूरी आजादी से जहां तिरंगा शान से फहराया जाना चाहिए वहां कोरबा रेल प्रबंधन को इतना फुर्सत ही नहीं है कि राष्ट्रीय पर्व के दिन भी उन्होंने झंडा फहराना उचित नहीं समझा जो निश्चित ही निंदनीय व लापरवाही है। इस कृत्य से रेलवे प्रबंधन के अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही को साफ समझा जा सकता है। जहां कोरबा को पूरे देश में ऊर्जा धानी के नाम से जाना जाता है और इन्हीं रेल प्रबंधन द्वारा कोरबा का सीना चीर कर लाखों-करोड़ों टन कोयला धोकर अरबों में कमाई की जाती है, उस कोरबा शहर के लोगों की देश भक्ति के भावनाओं के साथ यह कृत खिलवाड़ जैसा है।
कोरबा के यहां की सांसद के प्रयासों से जो राष्ट्र ध्वज हमेशा के लिए लहरा रहा था उसे भी उतार दिया गया, ऐसा क्यों किया गया यह समझ से परे है| कोई कारण था तो, भी उसका समाधान कर तिरंगा झंडा फिर से लहराना चाहिए था।
आशीष गुप्ता जिला युवा कांग्रेस महासचिव ने इस कृत्य की निंदा कर मांग की है की 24 घण्टे के भीतर तिरँगे को सम्मान के साथ वापस लहरया जाये। यदि मांग पूरी नहीं होती हैं तो उग्र आंदोलन किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जवाब दरी रेलवे प्रसाशन की होगी।
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