करुण नायर ने विदर्भ को बनाया रणजी ट्रॉफी का चैंपियन, तीसरी बार जीता खिताब

नई दिल्ली,02मार्च 2025 : विदर्भ की टीम ने तीसरी बार रणजी ट्रॉफी 2025 खिताब अपने नाम कर लिया है. केरल के खिलाफ फाइनल में पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर ट्रॉफी उसके नाम की गई. विदर्भ ने तीसरी बार इस खिताब को जीता है.

विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी 2025 खिताब अपने नाम कर लिया है. केरल के खिलाफ फाइनल में पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर विदर्भ ने ये खिताब जीत लिया. विदर्भ ने तीसरी बार इस खिताब को जीता है. वो रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन में भी फाइनल तक पहुंची थी, लेकिन मुंबई ने खिताबी मुकाबले में उसका सपना तोड़ दिया था. इस बार करुण नायर और 21 साल के युवा बल्लेबाज दानिश मालेवार ने शानदार बैटिंग करते हुए अपनी टीम को चैंपियन बनाया. दोनों ने इस मुकाबले में एक-एक फिफ्टी और एक-एक सेंचुरी लगाई.

ये रहे जीत के हीरो
विदर्भ की कामयाबी में टीम के धाकड़ बल्लेबाज करुण नायर का अहम योगदान रहा. उन्होंने फाइनल मुकाबले की पहली पारी में महज 24 रन के स्कोर पर 3 विकेट गिर जाने के बाद दानिश मालेवार के साथ मिलकर 215 रनों की अहम साझेदारी की और 86 रन की पारी खेली. इस दौरान दानिश ने 153 रन ठोक दिए थे. दोनों की इस पारी की वजह से विदर्भ की टीम 379 रन बनाने में कामयाब रही. वहीं दूसरी पारी में भी दोनों बल्लेबाजों ने अपना दम दिखाया. करुण नायर ने जहां 135 रन ठोके. वहीं दानिश ने 73 रन बनाए. इसकी वजह से पूरी टीम खेल के अंतिम दिन भी ऑलआउट नहीं हो सकी और 9 विकेट के नुकसान पर 375 रन ठोक दिए. हालांकि मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ लेकिन अंत में पहली पारी में मिली बढ़त की मदद से विदर्भ को ट्रॉफी थमाई गई.

दानिश मालेवार को इस मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. वहीं पूरे सीजन में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले हर्ष दुबे प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे. उन्होंने इस मैच की एक पारी में गेंदबाजी की, जिसमें 44 ओवर फेंके और 88 रन देकर 3 विकेट चटकाए. उनके अलावा दर्शन नालकंडे और पार्थ रेखाडे ने भी 3-3 विकेट हासिल किए, जबकि यश ठाकुर को एक सफलता मिली. इस तरह गेंदबाजों ने केरल की टीम को पहली पारी में 342 रन के स्कोर पर ऑलआउट किया और 37 रनों की बढ़त लेने में मदद की. यह बढ़त बाद में जीत की वजह बनी.

केरल का टूटा सपना
दूसरी ओर केरल की टीम का रणजी चैंपियन बनने का सपना टूट गया. वह रोमांचक सेमीफाइनल में महज 2 रन की बढ़त की मदद से इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार फाइनल में तक पहुंचने में कामयाब रही थी. लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद केरल के खिलाड़ी इस खिताब को अपने नाम नहीं कर सके.