मुंबई : रणबीर कपूर, अनिल कपूर और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म एनिमल दिसंबर 2023 में आई थी, लेकिन फिल्म जिस तरह की थी, उसको लेकर अब भी बातें हो ही जाती हैं. रिलीज के बाद लंबे वक्त तक फिल्म पर बवाल हुआ था. विकास दिव्यकीर्ति ने भी फिल्म की आलोचना की थी. अब संदीप रेड्डी वांगा ने रिएक्ट किया है.
फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें एक बार फिर उन्होंने अपनी फिल्म एनिमल की आलोचनाओं पर बात की है. फिल्म की रिलीज के बाद एनिमल की जमकर आलोचना की गई थी. आलोचना करने वालों में विकास दिव्यकीर्ति भी शामिल थे. अब संदीप रेड्डी ने विकास दिव्यकीर्ति का नाम लिए बिना कहा है कि वो जिस तरह से फिल्म की आलोचना कर रहे थे, उससे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने कोई गुनाह कर दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि आप पढ़ाई कर के आईएएस बन सकते हैं, लेकिन फिल्ममेकिंग में एक अलग तरह की क्रिएटिविटी और पैशन की जरूरत पड़ती है.
बिना नाम लिए कसा तंज
गेम चेंजर पॉडकास्ट में शामिल हुए संदीप रेड्डी वांगा ने एनिमल को लेकर हुए विवाद पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा, “एक आईएएस ऑफिसर थे (यहां वो विकास दिव्यकीर्ति की बात कर रहे थे, जो पूर्व सिविल सर्वेंट हैं.) एक बेहद गंभीर इंटरव्यू में वो कहते हैं ‘एनिमल जैसी फिल्म नहीं बनानी चाहिए.’ जिस तरह से वो बात कर रहे थे, जिस तरह से वो बोल रहे थे, मुझे सच में लग रहा था कि मैंने कोई गुनाह कर दिया है.”
संदीप रेड्डी आगे कहते हैं, “उन्होंने इसकी तुलना 12th फेल जैसी फिल्म के साथ की, जिसने समाज में सकारात्मक योगदान दिया है, और दावा किया कि एनिमल समाज को पीछे की ओर ले जा रही है.”
IAS बनने से मुश्किल है फिल्मकार बनना?
इस दौरान संदीप रेड्डी ने कहा कि आईएस क्रैक करने से ज्यादा मुश्किल फिल्ममेकिंग है. उन्होंने कहा, “मैं बेहद सच्चई से ये कह रहा हूं, अगर कोई बिना वजह अटैक करता है, मैं 100 फीसदी गुस्सा हो जाता हूं. मुझे लगता है कि वो आईएएस ऑफिस हैं, क्योंकि उन्होंने वो बनने के लिए पढ़ाई की. मुझे क्या लगता है न, आप दिल्ली जाइए, किसी इंस्टिट्यूट में एडमिशन लीजिए, अपनी जिंदगी के 2-3 साल दे दीजिए, फिर आप आईएएस क्रैक कर सकते हैं. कुछ किताबें हैं, लगभग 1500, जिन्हें आप पढ़कर आईएएस का एग्जाम क्लियर कर सकते हैं. मैं ये आपको लिख कर दे रहा हूं. पर कोई भी ऐसा कोर्स या टीचर नहीं है जो आपको फिल्ममेकर या लेखक बना सके.”
विकास दिव्यकीर्ति ने एनिमल पर क्या कहा था?
पिछले साल सितंबर में शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति ने एनिमल के कॉन्सेप्ट पर बात की थी और फिल्म को खूब लताड़ा था. उन्होंने कहा था कि एनिमल फिल्म का जो कैरेक्टर है, उसको अल्फा मेल होने का बहुत गुरूर है. अल्फा मेल वाला कॉन्सेप्ट इंसानों के समाज पर लागू नहीं होता है. ये जानवरों पर, ये भेड़ियों पर लागू होता है. जो जूलॉजिस्ट हैं, वो इन कॉन्सेप्ट का जंगली जानवरों के लिए इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा था, “हम जंगल से बहुत आगे निकल चुके हैं. जो जंगल में रुके हुए हैं, वो अल्फा मेल बनने के चक्कर में हैं. जो जंगल से समाज में आ गए, उन्हें अल्फा मेल बनने की ज़रूरत नहीं.”