फेसबुक ने कोरोना वैक्सीन के बारे में गलत जानकारी देने वाली 100 से ज्यादा वेबसाइट को किया बैन, जानें पूरा मामला

फेसबुक ने रूस के कई अकाउन्ट्स पर बैन लगा दिया है, जो रूसी डिसइंफेक्ट नेटवर्क के साथ लिंक शेयर कर रहे थे. इन लिनक्स में दावा किया गया कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार कोविड -19 टीके लोगों को चिंपैंजी में बदल सकते हैं. नेटवर्क की शुरुआत रूस में हुई और यूजर्स को मुख्य रूप से भारत, लैटिन अमेरिका और अमेरिका में टारगेट किया गया.

सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, फेसबुक की जांच में पाया गया कि एंटी-कोविड वैक्सीन कैंपेन ‘फैज’ से जुड़ा हुआ है. फैज यूके-रजिस्टर्ड मार्केटिंग फर्म की सहायक कंपनी है, जिसका संचालन मुख्य रूप से रूस से किया गया था. बेन निम्मो, ग्लोबल आईओ थ्रेट इंटेलिजेंस लीड और फेसबुक आईओ थ्रेट इंटेलिजेंस टीम ने रिपोर्ट में कहा, हमने विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ हमारी पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए 65 फेसबुक अकाउंट और 243 इंस्टाग्राम अकाउंट्स को हटा दिया, जो एक विदेशी संस्था की ओर से कॉर्डिनेट हुआ अनऑथेंटिक बिहेवियर है.

बेन निम्मो ने कहा, यह नेटवर्क एक दर्जन से अधिक प्लेटफॉर्म्स पर ऑपरेट होता है लेकिन एक दर्शक बनाने में विफल रहा. हमारी जांच में पाया गया इस कैंपेन और फैज के बीच संबंध था. फैज को अब हमारे प्लेटफॉर्म से बैन कर दिया गया है. दोनों स्टेप्स उस टाइमिंग के साथ मेल खाते हैं जब लैटिन अमेरिका, भारत और अमेरिका सहित कई सरकारें इन संबंधित टीकों के लिए इमरजेंसी अथोरिटी पर चर्चा कर रही थी.

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 10,000 भ्रामक पोस्ट किए गए 

फेसबुक की जांच से पता चला है कि कई प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक आर्टिकल और याचिकाएं बनाईं. इसने फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल किया, ताकि इस ऑफ-प्लेटफॉर्म कंटेंट सीड और बढ़ाया जा सके, क्रूड स्पैमी स्ट्रेटजी का उपयोग किया जा सके. फेसबुक ने कहा कि 14 दिसंबर से 21 दिसंबर के बीच, ऑपरेशन के हैशटैग सहित लगभग 10,000 पोस्ट किए गए थे, जिनमें अक्सर ऑपरेशन के ऑफ-प्लेटफॉर्म आर्टिकल्स के लिंक होते थे.

कैंपेन में फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल किया गया था, जिनमें से कुछ का कहना है कि फेसबुक शायद बांग्लादेश और पाकिस्तान में अकाउंट फॉर्म्स से जनरेट हुआ है.

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