भैरुंदा/11 अगस्त (वेदांत समाचार)। एक तरफ अवैध उत्खनन से जहां नर्मदा नदी को रेत माफिया ने छलनी कर दिया है, तो वहीं दूसरी ओर क्षमता से अधिक रेत भरकर निकल रहे डंपरों और भारी वाहनों ने पंडागांव से छीपानेर होते हुए गोपालपुर तक जाने वाला आरसीसी मार्ग बदहाल हो रहा है। हालत यह है कि इस मार्ग पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने के साथ ही जगह-जगह सड़क धंस गई है।
जानकारी के अनुसार करीब 39 करोड़ की लागत से 22 किलोमीटर का सफर तय करने वाले इस मार्ग पर हर रोज बड़ी संख्या में भारी वाहनों की आवाजाही के कारण मार्ग की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। रेत कंपनी को जिले की रेत खदानों का ठेका करीब 109 करोड़ रुपए में दिया है। सरकार की मंशा थी कि यहां से अच्छा राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन रेत के डंपरों से ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों से परिवहन करने से करीब 105 किमी सड़कें खराब हुई हैं। इसमें एक किमी सड़क निर्माण में करीब एक करोड़ से ज्यादा का खर्च हुआ है।
अब इन सड़कों को दोबारा बनाना हो तो फिर इतनी ही राशि खर्च होगी। इससे बारिश में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। हाल यह हैं कि गांव की सड़कों पर कीचड़ पसरा है। सीएम की विधानसभा में जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण यहां की सही सूरत उन तक नहीं पहुंच पा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के आस पास रहने वाले उन तक हकीकत नहीं पहुंचाते है, जिसके कारण इन स्थितियों का पता अब तक स्वयं सीएम को भी नहीं है।
खस्ताहाल सड़कों के कारण वाहन चालकों की मुसीबत
बारिश में नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर दरारों से लोगों के वाहन फंस रहे हैं। बस्ती के भीतर के ही नहीं मुख्य सड़कों के भी हाल बेहाल हैं। सड़कों पर पानी भरा होने से वाहन चालक हादसों का शिकार भी हो रहे हैं। लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी हो रही है। यदि सड़क की समय पर मरम्मत नहीं की गई और बड़े वाहनों की आवाजाही बनी रही, तो सड़क टूट कर विखर जाएगी। ऐसे में वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। क्षेत्र के उमाशंकर पटेल, सुनील केवट और महेश पंवार आदि का कहना है कि क्षेत्र में सड़कों की स्थिति खस्ताहाल है।
पंडागांव से छीपानेर होते हुए गोपालपुर तक जाने वाली आरसीसी सड़क है, जिसमें कहीं-कहीं भारी वाहनों के चलते दरारें पड़ गई है। इसकी मरम्मत कराई जाएगी।
मोहम्मद अली सिद्दिकी, एसडीओ पीडब्ल्यूडी
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