मंगलवार को जिले के दो विभागों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक विरोध जारी रहेगा। बिजली विभाग के कर्मचारी इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल का विरोध कर रहे हैं तो वहीं पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर अपना विरोध तेज कर दिया है। मंगलवार को जिले के सभी पटवारियों ने अपने अपने तहसील में जाकर तहसीलदारों को बस्ते जमा करा दिए हैं।
जिले के पटवारियों ने कामबंद कर जताया विरोधः जिले के सभी पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर 10 अगस्त को अपने बस्ते तहसीलदारों के यहां जमा कराकर विरोध जताया है। पटवारियों ने कहा है कि अनिश्चित काल के लिए काम बंद कर दिया गया है और जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक किसी भी तरह का काम नहीं किया जाएगा। इन्होंने मंगलवार को सुबह से ही अपने अपने बस्ते तहसीलों में जमा कराने का काम शुरू कर दिया । पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष शंकर सिंह के नेतृत्व में जिले के सभी पटवारियों ने बस्ते जमा कर ऐलान कर दिया है कि वे अब तब तक काम नहीं करेंगे जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है।
बिजली कर्मचारी 24 से अनिश्चितकालीन हड़ताल परः निजीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलित बिजली विभाग के अमले ने मंगलवार को कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया जिसके चलते सुबह से ही जहां बिजली विभाग के सभी कार्यालयों में ताले लगाकर संपूर्ण कार्य बहिष्कार को बोर्ड भी लगाया गया तो वहीं यह भी कहा कि याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा। बिजली विभाग की इस कामबंद हड़ताल से उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ा। केंद्र सरकार के इलेक्टिसिटी अमेंडमेंट बिल 21 के विरोध व प्रदेश में विद्युत अधिकारी कर्मचारियों की लंबित के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम के आव्हान पर बिजली विभाग का अमला एक अगस्त से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। 10 अगस्त को संपूर्ण कार्य का बहिष्कार कर नारेबाजी की तो वहीं 24 से 26 अगस्त तक तीन दिवसीय संपूर्ण कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया। इसके बाद 6 सितंबर से अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल की जाएगी।
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पटवारियों के इस कदम से यह होंगी समस्याएं
-पटवारियों के हड़ताल में जाने से गिरदावरी कार्य बन्द रहेगा जिस कारण किसानों की धान पंजीयन नहीं हो सकेगा।
-बारिश का मौसम है जिस कारण सर्पदंश, घर गिरने की समस्या होगी जिसका प्रारंभिक सूचना दाता पटवारी ही होता है। आपदा में कार्य प्रभावित होगा।
-न्यायालय में चल रहे प्रकरण में रिपोर्ट नही लगने से प्रकरण में आदेश नही होंगे जिस कारण शासन को राजस्व की हानि होगी।
खसरा बी वन ऑनलाइन अद्यतन नहीं होने से कृषकों द्वारा बैंकों से ऋ ण लेने में असुविधा होगी।
– स्कूलों से लगने वाले छात्रों के जाति प्रमाण पत्र में रिपोर्ट नहीं लगने से उनकी जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाएगी और उनका एडमिशन नहीं हो पाएगा।
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