0 प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी में शुरू किया उज्ज्वला योजना का दूसरा चरण
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के महोबा में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले (बीपीएल) लाभार्थियों के बीच एलपीजी का कनेक्शन वितरित कर उज्ज्वला योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस योजना के लाभार्थियों से संवाद भी किया। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दौरान उपस्थित थे। इस दौरान पीएम ने उत्तराखंड के देहरादून की बूंदी देवी से बातचीत की। बूंदी देवी ने बताया कि कैसे पीएम उज्ज्वला योजना ने उनके जीवन को बदल दिया है।
संवाद के बाद एक संबोधन में पीएम ने कहा कि उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों, जितनी महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है। ये योजना 2016 में यूपी के बलिया से, आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे की धरती से शुरु हुई थी। आज उज्ज्वला का दूसरे संस्करण भी यूपी के ही महोबा की वीरभूमि से शुरु हो रहा है।
पीएम ने कहा कि आज उज्ज्वला योजना के अगले चरण में कई बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन और गैस चूल्हा मिल रहा है। मैं सभी लाभार्थियों को फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान को याद कर रहा हूं। मेजर ध्यान चंद, हमारे दद्दा ध्यानचंद. देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी और उस समय पांच करोड़ बीपीएल परिवारों की महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था। वर्ष 2018 में इस योजना के दायरे में दलित, आदिवासी, चाय बागान, अति पिछड़ा वर्ग सहित विभिन्न श्रेणियों की महिलाओं को शामिल किया गया था। इसके मद्देनजर आठ करोड़ महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन देने का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस लक्ष्य को 2019 में पूरा कर लिया गया था।
इस साल बजट में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत अतिरिक्त 1 करोड़ एलपीजी कनेक्शन देने की घोषणा की गई थी। पहले चरण में इस सुविधा से वंचित रह गए लोगों को द्वितीय चरण में मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इस चरण में लाभार्थियों को पहली रिफिल मुफ्त में उपलब्ध कराने के साथ ही चूल्हा भी मुफ्त प्रदान किया जाएगा। पीमएओ ने बताया कि इसकी नामांकन प्रक्रिया में बहुत ही कम दस्तावेजों की जरूरत होगी और इसमें प्रवासियों के लिए राशन कार्ड या निवास प्रमाण पत्र देने की बाध्यता नहीं होगी।
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