हीरे के तस्करों की चांदी, पुलिस पूरी तरह से नाकाम छत्तीसगढ़ पर है हीरे के तस्करों की बुरी नजर : कौशिक

बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में गरियाबंद जिले में हो रहे लगातार हीरे की तस्करी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा कोई दिन नही होता की प्रदेश में हीरे से  तस्करी के मामले सामने नहीं आता हो। कार्रवाई तो केवल कागजी दिखावे के लिये ही हो रहे हैं। हीरे की  तस्करी ना जाने किस स्तर पर हो रही होगी, यह पुलिस के अलवा किसी को पता नहीं है। उन्होंने कहा कि गरियाबंद जिले से हीरा खदान में हर साल हीरे की एक से दो करोड़ रूपये तक तस्करी के मामले दर्ज कर रही है।

इससे प्रतीत होता है कि कहीं उस इलाके में हीरे की तस्करी करने वाले संगठित गिरोह काम कर रहा है। जिसे पुलिस रोकने पूरी तरह से नाकाम है। जब नेशनल हाईव पर करीब 32 नग हीरे के साथ तस्कर गिरफ्तार होते है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस इलाके में तस्कर किस तरह से सक्रिय होंगे। उन्होंने कहा कि चार मई को पचास लाख के करीब 440 नग हीरे के दो तस्कर व 26 जुलाई को करीब 204 नग 22 लाख के हीरे के साथ तस्करों को गिरफ्तार करने का दावा पुलिस करती है। वहीं मार्च के माह में करीब 12 नग हीरे करीब ढ़ाई लाख रूपये मुल्य के साथ गिरफ्तार होते है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक करीब 171 नग हीरे 25 लाख के मूल्य की पुलिस ने बरामद करने का दावा किया है।

 नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि पायलीखंड, मैनपुर, देवभोग इलाके के हीरा खादानों में जिस तरह से अवैध खुदाई व तस्करी हो रही है उस पर अंकुश लगाने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम है, इस इलाके में पुलिस केवल कागजी कर्रवाई करते कुछ तस्करों को गिरफ्तार करने का दावा करती है। पुलिस ने एक साल में करीब 15 सौ से अधिक नग हीरे  तस्करों से बरामद करने की बात भी कह रही है। उन्होंने कहा कि बीते एक साल में करीब 573 नग हीरा जिसकी कीमत लगभग 75 लाख रुपये हैं बरामद किया है। इससे साफ होता है कि इलाके में अंर्तराज्यीय गिरोह से सक्रिय है जो पुलिस को चकमा देकर हीरे की तस्करी में लगे हैं। वहीं खनिज विभाग का दावा है कि 1 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक करीब 2200 नग हीरे तस्करों से बरामद किये हैं। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि इस इलाके में हीरा तस्करी को रोकने के लिये पुलिस ने  करीब 10 टीमों का गठन भी किया है । उसके बाद भी बैखौफ हीरे की तस्करी लगातार हो रही है जो कई सवालों को जन्म देता है कि तस्करी में किसी और का हाथ तो नहीं है, केवल पुलिस दिखावे के लिये मात्र कुछ लोगों पर कार्रवाई कर अपने कार्यों से मुक्त होना चाहती है।

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