छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने आदिवासी हित में लिये अनेक फैसले : मरकाम

0 वन अधिकार पट्टे, लघु वनोपज की खरीद और विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश

0 पूरे प्रदेश और खासकर बस्तर में कुपोषण और मलेरिया के खिलाफ बड़ी लड़ाई

0 बस्तर और सरगुजा को हवाई मानचित्र से जोड़ने की अभिनव पहल

0 आदिवासियों के खिलाफ 936 आपराधिक प्रकरण हुए समाप्त

0 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की विश्व आदिवासी दिवस पर शुभकामनायें

रायपुर/08 अगस्त (वेदांत समाचार) विश्व आदिवासी दिवस की प्रदेश वासियों और आदिवासी समाज को शुभकामनायें देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश किसानों और आदिवासियों का प्रदेश है। कांग्रेस सरकार ने इन ढाई वर्षों में इन दो वर्गों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर काम किया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के गठन को ढाई साल से अधिक यात्रा में कांग्रेस सरकार ने चुनौतियां के बावजूद शानदार उपलब्धियां अर्जित की हैं। राज्य निर्माण के 18 वर्षों बाद भी छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के प्रति शासन के परायेपन का भाव खत्म करने की दिशा में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उल्लेखनीय काम किया है। इन ढाई वर्षों में कांग्रेस की सरकार ने इस परायेपन को अपनेपन में बदलने की दिशा में ठोस काम किया है। यह हमारी कांग्रेस की सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आदिवासियों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को संवेदनशीलता के साथ समझते हुए ऐसी योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन किया गया, जिससे आदिवासियों की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के नये दरवाजे खुले हैं। आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और विकास के कदमों से आदिवासी-समाज में गौरव का नया भाव जागा है। इन ढाई वर्षों के दौरान आदिवासियों तक उनके उन अधिकारों को पहुंचाया गया है, जिनके लिए वे संघर्ष कर रहे थे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में वनोपज संग्रहण का कार्य मूलतः आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में होता है। वनोपज की संग्रहण मात्रा 2018 से 115 गुना बढ़ी है। अब 7 नहीं 52 लघुवनोपजों का संग्रहण हो रहा है। संग्रहणकर्ताओं की संख्या डेढ़ लाख से चार गुना बढ़कर 6 लाख हो गयी हैं। लघु वनोपज विक्रय से अब 13 गुना राशि मिल रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पूरे प्रदेश में और खासकर बस्तर में कुपोषण और मलेरिया के खिलाफ सघन अभियान चलाने का काम किया गया। हाट बाजार क्लिनिक के द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में रहने वालों तक निःशुल्क जांच उपचार और दवाओं की व्यवस्था छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने की है। अति संवेदनशील ब्लाकों के सैकड़ों बंद हो चुके स्कूल चालू किये गये हैं। लाख उत्पादन और मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। आदिवासियों पर झूठे प्रकरणों की वापसी के लिए पटनायक समिति का गठन कर 944 व्यक्तियों के खिलाफ 718 प्रकरण वापस लिए जा चुके हैं। 1124 प्रकरणों में 218 आदिवासी मुक्त हुए हैं। लोहंडीगुड़ा में टाटा संयंत्र के नाम पर 1707 प्रभावित किसानों की 4200 एकड़ जमीन लौटाई गयी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि विकास में स्थानीय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बस्तर तथा सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरणों में अब मुख्यमंत्री नहीं स्थानीय विधायकों को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के पद दिए गए हैं ताकि आदिवासी क्षेत्रों के विकास में स्थानीय भागीदारी सुनिश्चित हो सके। आदिवासियों के कल्याण के लिए योजनाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को भी बिजली बिल में छूट शामिल है। सच्चे आदिवासियों की जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया अब सरल की जा चुकी है। पिता के जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र के साथ ही जाति प्रमाण पत्र दिए जाने की व्यवस्था की गई है। जगदलपुर से रायपुर-हैदराबाद हवाई सेवा 21 सितंबर 2020 से शुरु हो चुकी है। जगदलपुर एयरपोर्ट का नामकरण मां दंतेश्वरी के नाम पर किया गया है। अंबिकापुर में भी शीघ्र हवाई सेवा शुरु करने के लिए दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट में हवाई-पट्टी का विस्तार शुरु कर दिया गया है। इसके साथ ही हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलिया, नहरों विभिन्न शासकीय भवनों के निर्माण के लिए हर जिले में 200 से लेकर 500 करोड़ रुपए तक के कार्यों का लोकार्पण तथा भूमिपूजन किया गया है।

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