लॉकडाउन से राहत मिलने पर अगस्त में बिजली खपत में आई तेजी, पहले सप्ताह में कुल खपत 28.08 अरब यूनिट

राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद से देश में बिजली की खपत अगस्त के पहले सप्ताह में 9.3 फीसदी बढ़कर 28.08 अरब यूनिट (बिलियन यूनिट) पर पहुंच गई. बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. एक से सात अगस्त, 2020 के दौरान बिजली की खपत 25.69 अरब यूनिट रही थी. यह महामारी से पहले एक से सात अगस्त, 2019 में 25.18 अरब यूनिट रही थी.

पिछले साल पूरे अगस्त माह में बिजली की खपत 109.21 अरब यूनिट रही थी, जो 2019 के अगस्त के 111.52 अरब यूनिट के आंकड़े से कम है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त के पहले सप्ताह में बिजली की मांग में सतत सुधार हुआ है तथा राज्यों द्वारा अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी से बिजली की मांग और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में वाणिज्यिक एवं औद्योगिक मांग से बिजली की मांग तथा खपत में और सुधार देखने को मिलेगा. इस साल अप्रैल से बिजली की व्यावसायिक तथा औद्योगिक मांग राज्यों द्वारा लगाए गए अंकुशों से प्रभावित हुई थी.

सबसे अधिक आपूर्ति 188.59 गीगावॉट

अगस्त के पहले सप्ताह में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग या दिन में बिजली की सबसे अधिक आपूर्ति 188.59 गीगावॉट की रही. यह पिछले साल समान अवधि में दर्ज 165.42 गीगावॉट के आंकड़े से 14 फीसदी अधिक है. अगस्त, 2020 के पूरे महीने में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग 167.52 गीगावॉट थी. यह 2019 के समान महीने के 177.52 गीगावॉट के आंकड़े से कम है.

जुलाई में कंजप्शन में 12 फीसदी की तेजी

अंकुशों में ढील और मानसून में देरी की वजह से देश की बिजली की खपत जुलाई में करीब 12 फीसदी बढ़कर 125.51 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई थी. यह महामारी पूर्व के स्तर के लगभग बराबर है. जुलाई, 2020 में बिजली की खपत 112.14 अरब यूनिट रही थी. यह महामारी से पहले यानी जुलाई, 2019 के 116.48 अरब यूनिट के आंकड़े से थोड़ा ही कम है.

मानसून में देरी से मांग बढ़ी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जुलाई में बिजली की मांग में सुधार की प्रमुख वजह मानसून में देरी और राज्यों द्वारा अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना है. उन्होंने कहा कि बिजली की मांग के अलावा खपत भी जुलाई में कोविड-19 (COVID-19) के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है. आगामी महीनों में इसमें और सुधार की उम्मीद है.

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