रायपुर 5 अगस्त (वेदांत समाचार) सप्ताह भर चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह समारोह के तहत स्तनपान पर कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। नया रायपुर स्थित श्रीसत्य साई संजीवनी अस्पताल के डॉ. सी. राजेश्वरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में में एक ओर जहां प्रतिभागियों को स्तनपान की महत्ता और जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। वहीं दूसरी ओर बेहतर कार्य करने वाले वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. मीरा बघेल ने स्तनपान से संबंधित अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा “स्तनपान को लेकर पहले की अपेक्षा अब जागरूकता आई हैं फिर भी महिलाओं में भ्रांतियां हैं जिसे सही करने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि खुद को मास्टर ट्रेनर समझते हुए सीएचसी और पीएचसी में अपने अन्य सहयोगियों को प्रशिक्षण देना चाहिए।“ इस मौके पर डॉ. श्रुती प्रभू ने बताया “आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्तनपान को बढ़ावा देना है। सही स्तनपान कराने से शिशु मृत्यु दर में कमीं लाई जा सकती है।“ कार्यक्रम में डॉ. पी.के.नीमा भी मुख्य रूप से मौजूद रहे। स्तनपान की सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी विषय पर आयोजित कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम रायपुर सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ।
इस मौके पर एमडी (बाल रोग) और राष्ट्रीय स्तर के आईवाईसीएफ ट्रेनर डॉ.ओमेश खुराना ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान अभनपुर, आरंग, खिलोरा, फरफौद, चांदखुरी, कोलार, कुरद खुटेरा, मंदिर हसौद, खरपा, उपरवाड़ा, परसदा, रीवा, उपरवाड़ा, और भांसोजंद में सीएचसी और पीएचसी से लगभग 100 एएमएन, सीएचओ, आरएचओ, स्टाफ नर्स और मितानिन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
कोविड पॉजिटिव मां भी अपने बच्चे को करा सकती है स्तनपान- प्रशिक्षण सत्र के दौरान डॉ. खुराना ने स्तनपान ( ब्रेस्टफीडिंग ) की मूल बातें सरल और स्पष्ट तरीके से बताईं। उन्होंने वीडियो के जरिए स्तनपान एवं उसके महत्व का व्यावहारिक प्रदर्शन सामूहिक सहभागिता के साथ जीवंत रूप से किया। उन्होंने बताया मां के दूध का कोई विकल्प नहीं है। मां का दूध शिशु के लिए अमृत समान होता है। एक महिला अगर मां बन जाती है तो उसे पूर्ण कहा जाता है और अगर वह सही तरीके से स्तनपान कराती है तो मां को पूर्ण कहा जाता है। उन्होंने बताया मां के दूध का कोलोस्ट्रम बच्चे का पहला टीका होता है। यहां तक कि कोविड पॉजिटिव मां भी अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती है। उन्होंने बताया बाहर का दूध शिशुओं को जहां तक संभव हो नहीं देना चाहिए।
स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मान- अस्पताल के संगवारी क्लिनिक कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग देने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित किया गया। इनमें अर्पण मरकाम, सीएचसी निमोरा; मुकेश धनकर, आरएचओ सिवनी; कांतिचंद्रकर, एएनएम प्रसाद; प्रेमलता साहू, एएनएम गुजरा; योगेश्वरी नेताम, एएनएम उपरवाड़ा; ललित साहू, आरएचओ भंसोजी मुख्य रूप से शामिल हैं।
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