कनकी का हाईस्कूल भवन जर्जर, टपकती पानी से गीली कमरे में विद्यार्थी बैठने को मजबूर


ग्राम के जनप्रतिनिधियों ने किया निरीक्षण, हर दिन बनी रहती है हादसे की आशंका

धनेश्वर राजवाड़े,कोरबा 2 अगस्त( वेदांत समाचार),\ विकासखण्ड करतला के शाउमावि कनकी जिस भवन में संचालित होता है वह लगभग 36-37 वर्ष पुराना है। जिसमें कक्षा 9 वीं से कक्षा 12वीं तक की कक्षाएं लगाई जाती है. जिस कमरे में 9वीं कक्षा की पढ़ाई होती है वह पूरी तरह जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो गया है. वहीं अन्य कमरे भी 75% जर्जर की स्थिति में है।छत का प्लास्टर उखड़कर फर्श पर गिर रहे हैं एवं बारिश के कारण पानी टपकने से अध्यापन कक्ष गीला हो जा रहा है. जिस विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है, जहां सभी छात्र-छात्राएं ज्ञान अर्जित करते हैं. वहां का कक्षा भवन ही जर्जर है. जिस भवन की छतों से उखड़कर गिरने वाले प्लास्टर को बच्चे एकत्र कर बाहर फेंकते नजर आते हैं। छात्र-छात्राओं सहित शिक्षक-शिक्षिकाओं में डर बना रहता है कि कहीं छत का प्लास्टर उनके ऊपर न गिर जाएं. वहीं टूटे-फूटे खिड़की दरवाजों से भी खतरा बना रहता है कि जहरीले जीव-जंतु कमरे में न घुस जाये.चूंकि विद्यालय कई वृक्षों से आच्छादित वनों से लगा हुआ है.वहीं फर्श गीली होने से छात्र छात्राओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कमरे की दीवारें भी जर्जर है जो कभी भी गिर सकता है. जिससे हर दिन हादसा होने का डर बना हुआ है.


लेकिन ज्यादा डर इस बात का है कि अगर गलती से छात्र पूरी तरह से खंडहर कमरे की ओर गये और छत गिर गया तो बड़ा हादसा हो सकता है. स्कूल पहुंचे क्षेत्र के जनपद सदस्य विजय राजवाड़े ने बताया कि जर्जर भवन में छात्र-छात्राओं को बिठाना ठीक नही है। जो डरे सहमे हुए हैं और इस भय से पढ़ाई में व्यवधान आ सकता है। ग्राम के जनप्रतिनिधि इस संबंध में संबंधित विभाग को अवगत करा चुके हैं। लेकिन विभाग द्वारा आज पर्यंत तक कोई पहल नही की गई। हाईस्कूल का यह भवन बहुत पुराना है, जिसके निर्माण को कई वर्ष हो गए हैं। यहां नये भवन स्वीकृति कराने की आवश्यकता है लेकिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से हाईस्कूल भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है। संस्था प्रमुख द्वारा भी स्थानीय मद से जर्जर कमरे के मरम्मत के लिए कोई पहल नही की गई। जबकि उनके द्वारा विभिन्न मदों के नाम से छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया जाता है। जिनके हित में उन्होंने कमरे की मरम्मत किये जाने को मुनासिब नही समझा।जिसका खामियाजा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत के सरपंच ने विद्यालय भवन जर्जर होने से छात्र-छात्राओं को होने वाले परेशानियों का समाधान करने की बात कही। यहीं हाल कनकी के प्राथमिक शाला और मिडिल स्कूल का भी है.जिस अतिरिक्त भवन में मिडिल स्कूल की कक्षा लगाई जाती है वहां भी छत से पानी टपक रहा है।जहां भी हादसा होने का डर बना रहता है.

अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. कई भवन की छत के प्लास्टर तो इस प्रकार हवा में झूल रहा है, जो कभी भी गिर सकता है. हालांकि पूरी तरह से जर्जर भवनों की ओर छात्रों को जाने पर रोक है. खुद शिक्षक बच्चों पर नजर रखते हैं कि बच्चे गलती से पूरी तरह से जर्जर भवन में न घुस जाये जिससे हादसा हो. लेकिन यहां सवाल यह भी है कि कब तक शिक्षक बच्चों को पूरी तरह से जर्जर भवनों की ओर जाने से रोकते रहेंगे।इस संबंध में शाउमावि कनकी के प्राचार्य द्वारा संबंधित विभाग को कई बार अवगत कराया गया परन्तु कोई सुध नही ले रहे हैं. वहीं निरीक्षण के लिए पहुंचे कनकी क्षेत्र के जनपद सदस्य विजय राजवाड़े एवं सरपंच बिहारी लाल मंझवार को संस्था प्रमुख द्वारा अवगत कराया गया एवं नए स्कूल भवन स्वीकृति कराने को कहा. जिससे स्कूल लगाने में कोई परेशानी न हो और छात्र-छात्राऐं बिना भय के कक्षा में बैठकर पढ़ाई ले सकें.

(1)नये भवन स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर संबंधित विभाग को मांग पत्र दिया गया है।
#एसआर खरे(प्राचार्य)
(2) हाईस्कूल भवन के मरम्मत के लिए उच्चाधिकारी को पत्र दिया गया है। नये भवन की स्वीकृति के लिए हम प्रयास करेंगे।

बिहारीलाल मंझवार,

सरपंच, ग्राम पंचायत कनकी
(3) जर्जर भवन के मरम्मत कराने की मांग प्रशासन से की गई है। वहीं नये भवन स्वीकृति कराने के लिए उच्चाधिकारी एवं शासन को मांग पत्र देने जायेंगे।

विजय राजवाड़े,

जनपद सदस्य कनकी क्षेत्र

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