बिलासपुर। सिम्स (CIMS) में 2014 से कार्यरत तृतीय व चतुर्थ वर्ग के करीब 400 कर्मचारी सोमवार सुबह से हड़ताल पर चले गए हैं। प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों ने अपना सिर तक मुंडवा दिया। कर्मचारी वेतनवृद्धि और नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मांगे नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन की ओर से शीर्ष अधिकारियों के निर्णय लेने की बात कह रहा है।
सिम्स में आंदोलन कर रहे तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को सेवा करते हुए 7 साल हो गए हैं। इसके बाद भी इन्हें नियमित नहीं किया गया है और न ही कर्मचारियों की वेतनवृद्धि की गई है। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों में लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, सफाई कर्मचारी समेत अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इन कर्मचारियों ने वेतनवृद्धि व नियमितीकरण को लेकर 2 व 3 अगस्त को अपनी मांग को लेकर काम बंद कर दिया है। इस दौरान अस्पताल की पूरी व्यवस्था अब अतिरिक्त स्टाफ के भरोसे आ गया है।
प्रबंधन ने की थी मनाने की कोशिश
सिम्स प्रबंधन ने हड़ताल समाप्त करने के लिए कर्मचारी संघ के साथ दो बार बैठक की थी, पर बैठक असफल रही थी। कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। हड़ताल पर गए कर्मचारियों के कारण चरमराई व्यवस्था संचालित करने के लिए सिम्स प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख 2 दिन के लिए कर्मचारियों की मांग की थी। जिसके बाद विभाग की ओर से अतिरिक्त स्टाफ अस्पताल को मुहैया कराया गया है।
मांगें नहीं मानने पर और उग्र होगा आंदोलन
हड़ताल पर बैठे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद यादव ने भास्कर से कहा, हम 7 साल से अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। प्रबंधन की ओर से हम उत्कृष्ट सेवा के लिए पुरिस्कृत भी किया गया है। बावजूद इसके न तो हमें नियमित किया जा रहा है, ना ही हमारा वेतन बढ़ाया जा रहा है।
आंदोलनकारियों की मांग पर उच्च अधिकारी लेंगे फैसला -प्रबंधन
वही सिम्स पीआरओ आरती पांडे ने कहा, इतने अधिक संख्या में कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की व्यवस्था पर असर जरूर पड़ेगा, लेकिन हमारे पास ठेके के कर्मचारियों के साथ-साथ जूनियर डॉक्टर और इंटरनेट मौजूद है इनके सहारे अधिकतर कार्य किए जा रहे हैं। वही आंदोलनकारियों की मांग को लेकर आरती पांडे ने कहा कि इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व ही कर सकता है।
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