संदेही शशि के परिजन का कहना ही की शशि महीनो से बाहर कमाने गया है , पर उसका हाजरी सीट बांकी का ही है और 8 जून तक हाजरी भी लगी है, साथ ही मोबाइल लोकेशन भी 13 जून तक बाकी का ही ।
मकशुद कुरेशी / :– बांकी मोगरा थाना अंतर्गत बीते कुछ दिन पहले 10/7/21 को एक किशोरी की लापता होने की शिकायत दर्ज कराई जिसकी उम्र लगभग 17 वर्ष है,, शिकायत दर्ज कर मामले को गंभीरता से लेते हुए आनन फानन में पुलिस किशोरी के परिजन से पूछताछ शुरू की जिसमे पूछताछ में परिजन से जानकारी मिली की किशोरी इससे पहले भी घर से लापता हो चुकी है।
पिछले 9 जून को ये घर से लापता हुई थी तब लगभग रात 2 बजे वो घर से निकली , उसके बैग से हमे एक लड़के की तस्वीर भी मिली थी जो शशि नामक युवक का था, हमारे द्वारा दिनभर खोज बीन करने से पता चला कि सुबह किशोरी को सुलभ में काम करने वाला शशि कुमार नाम के युवक के साथ देखा गया है, जिसको ढूंढते हुए हम सुलभ पहुंचे वहा शशि कुमार तो था पर किशोरी नही थी, हमारे वहा से वापस आने के बाद फिर पता लगा की किशोरी को वहा के कमरे में छुपा रक्खा है, तब तुरंत फिर वहा गए,, जहा से वो जगह बदलने की तैयारी कर रहे थे, पर हम समय पर पहुंच गए और लड़की को वापस घर ले आए, और बदनामी होने के वजह से हमने शिकायत दर्ज कराना उचित नही समझा ।
शिकायत के डर से शशि कुमार बांकी से भाग निकला और तब से यहां दिखा नही है, उसके कुछ ही दिन बाद किशोरी के पास से एक मोबाइल मिला जो हमारा नही था किशोरी से पूछने पर बताया कि शशि के एक दोस्त ने लाकर दिया है जिसका नाम नही जानती , और उसके कुछ दिन बाद 9 जून को फिर से वो फिर से लापता हो गई ।
इस जानकारी के बाद पुलिस द्वारा उसके मोबाइल नंबर का लोकेशन व डिटेल से पता चला कि पिछले 9 जून से उसका मोबाइल बंद है, तब परिजन के बताए अनुसार पिछले 9 जून को वो किशोरी को बहला फुसलाकर ले गया था और परिजन द्वारा पकड़े जाने के वजह से वह बांकी से निकल गया और तब से अपना नंबर भी बंद कर दिया पुलिस ये शक करते हुए उसका जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दी और उसका वर्तमान मोबाइल नंबर पता किया तो पता चला कि अभी नरसिम्हा के नाम से सिम लिया हुआ है, नरसिम्हा के पते पर पुलिस पहुंची तो ये पता चला कि नरसिम्हा और शशि नामक युवक दोनो भाई है।
किशोरी के लापता होने के समय अनुसार जांच की और वो जिस जिस के संपर्क में है उससे पुलिस पूछताछ शुरू कर दी ।
इस मामले का जांच कर रहे एस आई राजेश चंद्रवंशी के द्वारा पूछताछ व जानकारी के लिए शशि के भाई को पुलिस थाने बुलवाया गया पर कई बार बुलाए जाने पर भी वो नही आ रहा था,,, कभी इधर उधर बहाना बना पुलिस को गुमराह किया जा रहा था, तब उसे लेने उनके मुहल्ले स्लम एरिया में आरक्षक भेजा , वर्दी वाले को देखते ही परिजन व कुछ मुहल्ले के लोगो द्वारा आरक्षक को गाली गलौज देने लगे और धमकी देने लगे,की कैसे ले जाएगा छू के देख फिर तेरे को बताते हैं यहां से जा नहीं पाएगा और कहने लगे की वापस भाग जाओ।
जिसकी जानकारी आरक्षक रोहित द्वारा फोन के माध्यम से थाने में दी गई, तब मामले का जांच कर रहे एसआई राजेश चंद्रवंशी सहयोगी टीम के साथ स्लम एरिया में पहुंच संबंधित 2 लोग को पूछताछ के लिए थाने ले आए , जिसे 2 घंटे बाद वापस घर भेज दिया ।
दूसरे दिन फिर से पूछताछ के लिए बुलाने गए तब फिर से शशि के परिजन और मुहल्ले वासी द्वारा दबाव बनाया जाने लगा,,अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही जाने लगी,, फिलहाल अब परिजन रजनी द्वारा आला अधिकारियों को शिकायत भी की गई है, जिसमे उप निरीक्षक राजेश चंद्रवंशी पर प्रताड़ित, गाली गलौज और धमकी के आरोप लगाए है,,
खास बात शिकायत पत्र में ये दरसाया गया है और इसके परिजन द्वारा कहा जा रहा है की लड़का शशि कुमार महीनो से कमाने खाने बाहर गया है,, जबकि वो बांकी में ही सफाई का काम करता है, जिसका अटेंडेंस सीट निकलवाया गया जिसमे 8 जून तक उसका हाजरी लगा है , और शशि का मोबाइल लोकेशन 13 तारीख तक बांकि में ही सक्रिय था, जब पुलिस की पातासाजी तेज हुई तब वह बांकी क्षेत्र छोड़ भाग निकला ।
पुलिस के कार्य में पहले विवाद की स्थिति पैदा कर बाधा डालने से काम नही बना तो , प्रशासन को उलझाने के लिए सोची समझी पहले से तय योजना परिजन खुद को पीड़ित दिखाकर विभागीय अधिकारियों तक शिकायत दिया है ।
क्या प्रार्थी को न्याय मिल पाएगा ? पूछताछ में संदेही कुछ बताने से क्यू कतरा रहे ? तरह तरह से मामले को उलझाने का कोशिश क्यों ?
क्या इसके पीछे कोई अपना रोटी सेंकने के प्रयास कर रहा ?
आरोप के वजह से मामला में कोई रुकावट आएगी ?
सवाल बहुत से है, फिलहाल अब देखना है की ये मामला सुलझेगा या और कठिनाई बढ़ जाएगी ।
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