नई दिल्ली : चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पहले राउंड से ही मेजबान पाकिस्तान के बाहर होने के बाद से ही टीम हर किसी के निशाने पर है लेकिन पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज योगराज सिंह ने वसीम अकरम जैसे पूर्व दिग्गजो को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किया था कि वो क्यों नहीं टीम की मदद करते.
अपने ही घर में हो रही चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले राउंड में ही बाहर होने के बाद से ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जमकर फजीहत हो रही है. हर कोई पाकिस्तानी टीम की आलोचना कर रहा है लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने तो वसीम अकरम, वकार यूनुस जैसे पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों को ही घेरा और सवाल खड़े किए कि क्यों वो टीम की मदद नहीं करते. अब इस पर वसीम अकरम का जवाब आया है और उन्होंने पीसीबी की भी पोल खोल दी.
पहले राउंड में बुरी तरह फेल पाकिस्तान
पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी की ग्रुप स्टेज में न्यूजीलैंड और भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसके चलते मेजबान होने के बावजूद पाकिस्तानी टीम पहले राउंड से ही बाहर हो गई. ये लगातार तीसरा आईसीसी टूर्नामेंट है, जिसमें पाकिस्तान ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाया. जाहिर तौर पर इसके चलते टीम को आलोचना झेलनी पड़ रही है. मगर जहां हर कोई खिलाड़ियों, क्रिकेट बोर्ड और कोचिंग स्टाफ को निशाना बना रहा है, वहीं पूर्व भारतीय पेसर योगराज ने तो पूर्व खिलाड़ियों पर ही सवाल खड़े कर दिए थे कि क्यों वो मदद के लिए आगे नहीं आते और सिर्फ बयानबाजी करते हैं.
वसीम अकरम ने क्यों कहा- आप बदतमीजी करते हैं
इसको लेकर अब पूर्व पाकिस्तानी कप्तान और महान गेंदबाज वसीम अकरम ने जवाब दिया है और बताया है कि क्यों वो कोचिंग के लिए नहीं जाते. वसीम ने एक यूट्यूब चैनल की चर्चा के दौरान इस विषय पर बात करते हुए अपने साथी पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनुस का उदाहरण दिया और पाकिस्तानी बोर्ड पर बदतमीजी का आरोप लगाया. अकरम ने कहा कि लोग उन पर आरोप लगाते हैं कि वो सिर्फ बोलते हैं और कुछ करते नहीं लेकिन पाकिस्तानी पेसर ने साफ किया कि जिस तरह से वकार यूनुस को कोच बनाकर अचानक बोर्ड ने निकाल दिया था, वो अपमानजनक है, जिसे वो बर्दाश्त नहीं कर सकते. अकरम ने कहा, “आप लोग (PCB) बद्तमीजी करते हैं और मैं ये नहीं सह सकता.”
मदद के लिए हमेशा तैयार अकरम
बाएं हाथ के पूर्व दिग्गज पेसर ने साफ किया कि वो बिना कोई पैसा लिए भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. अकरम ने पीसीबी से दो टूक कहा कि जब कभी कोई बड़ा टूर्नामेंट हो तो वो खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग कैंप में मदद के लिए उपलब्ध रह सकते हैं लेकिन 58 साल की उम्र में वो इस तरह के अपमान के लिए तैयार नहीं हैं और न ही किसी तरह की दबाव भरी जिंदगी जीना चाहते हैं, यही कारण है कि वो पाकिस्तानी टीम से नहीं जुड़ पाते.