बिलासपुर 16 जुलाई (वेदांत समाचार) कहते हैं सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली कुछ इसी तरह की चाल इन दिनों सरकंडा कबाड़ी चल रहा है, खुद के ऊपर कई आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद अपने आपको पाक साफ बता रहा है, आपको बता दे कि गुरुवार को उसके भाई ने सरकंडा थाने जाकर उस पोर्टल के खिलाफ आवेदन दे दिया जिसने उसके खिलाफ खबर लिखी थी,हद तो तब हो गयी जब एक वेब पोर्टल वाले ने कबाड़ी का बखान कर दिया दरअसल वह वेब पोर्टल वाला खुद कबाड़ी का क्राइम पार्टनर हैं, जहां दोनों के खिलाफ उसी सरकंडा थाने में मारपीट का अपराध दर्ज कराया गया था।
पैसों का रुबाब दिखाकर लोगो को करता है अपनी तरफ
एक कहावत है कि कुत्ते की पूंछ को 12 सालभी नली में रखो तो वह सीधी नही होती,कुछ ऐसा ही हाल कबाड़ी का भी है जिसे अपने पैसों का काफी गुरुर हैं वह अपने पैसे के दम लोगो अपनी तरफ करता है शायद यही वजह हैं कि उस वेब पोर्टल वाले ने कबाड़ी का साथ दिया होगा।
क्या सरकंडा थाना क्षेत्र में कबाड़ी को मिला है अभयदान?
पुलिस अधीक्षक दीपक झा के आते ही कबाड़ियों पर गाज गिरी जिले के सभी कबाड़ियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई जहां से कई टन कबाड़ जब्त किया गया यही नही समय समय पर जब चेकिंग होती है तो सभी कबाड़ दुकान से कुछ ना कुछ सामान जब्त होता है सिवाय सरकंडा स्थित कबाड़ी के अलावा तो इसे आखिर हम क्या समझे? इसे कबाड़ी का पुलिस से सेटिंग समझे या कुछ और,आखिर यह खेल कब तक चलेगा ये तो वक़्त ही बतायेगा
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