मेडिकल कालेज कोरबा के लिए भूमि चयन के मामले में एकदम सटीक …….

कोरबा 16 जुलाई (वेदांत समाचार) 16 जुलाई। एक पुरानी कहावत है- बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा। यह कहावत मेडिकल कालेज कोरबा के लिए भूमि चयन के मामले में एकदम सटीक साबित हो रही है। खास कोरबा शहर में पर्याप्त भूमि उपलब्ध है, लेकिन मेडिकल कालेज के लिए रूमगरा में जमीन चिन्हांकित किया जा रहा है। इस कवायद के पीछे शहर के भू-माफियाओं की साजिश को बड़ा कारण बताया जा रहा है।

कांग्रेस के अजीम शख्सियत स्व. बिसाहूदास महंत के नाम से कोरबा में मेडिकल कालेज की स्थापना की प्रक्रि या शुरू हो चुकी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गत वर्ष यहां मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की थी। अब मेडिकल कालेज स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि की तलाश की जा रही है। पहले छ. ग. राज्य विद्युत मण्डल कोरबा पूर्व संयंत्र के स्थान पर मेडिकल कालेज के लिए जमीन का कथित निरीक्षण किया गया। इसके बाद रूमगरा एयर स्ट्रीप का अवलोकन किया गया। आम चर्चा है, कि रूमगरा एयर स्ट्रीप का ही अंतिम रूप से चयन किया जायेगा। इसके पीछे शहर के भू-माफियाओं की साजिश बतायी जा रही है।

बताया जाता है कि रूमगरा एयर स्ट्रीप के आसपास शहर के भू-माफियाओं ने बड़ी तादाद में जमीन खरीद रखी है। मेडिकल कालेज स्थापित होने पर यह जमीन बेशकीमती हो जायेगी और करोड़ों रूपयों का फायदा भू-माफियाओं को पहुेंचेगा। इसी वजह से वे साम, दाम, दण्ड, भेद सभी तरह की नीति अपनाकर मेडिकल कालेज की स्थापना यहां कराने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उनके द्वारा राजनीतिक दबाव- प्रभाव का उपयोग करने की भी सरगर्म चर्चा है। रूमगरा एयर स्ट्रीप के पास मेडिकल कालेज स्थापना से यहां भू-माफियाओं को बहिसाब लाभ मिलेगा, वहीं कोरबा को सबसे बड़ी हानि एयर स्ट्रीप खोने के रूप में पहुंचेगी। इस एयर स्ट्रीप के बंद होने के बाद दोबारा बनने की संभावना नगण्य है। क्योंकि नगरीय क्षेत्र में कहीं भी इसके लिए पर्याप्त भूमि नहीं है।

मजे की बात तो यह है कि प्रशासन के ठीक नाक के नीचे मेडिकल कालेज के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध है, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा हैं। बता दें कि पुलिस लाईन रजगामार रोड के ठीक सामने सृष्टि मेडिकल इंस्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेन्टर को 27 एकड़ भूमि का आबंटन करीब 15 वर्ष पहले किया गया था। इस स्थान पर निजी मेडिकल कालेज स्थापना की घोषणा की गयी थी। पन्द्रह वर्षों बाद भी न तो यहां मेडिकल कालेज स्थापित किया जा सका है और न ही शासन को प्रीमियम और भू-भाटक का भुगतान किया गया है।

चूंकि कोरबा में शासकीय मेडिकल कालेज की स्थापना की जा रही है। इसलिए यहां न तो निजी मेडिकल कालेज की जरूरत है और न ही इसकी संभावना । ऐसी स्थिति में सृष्टि मेडिकल को आबंटित भूमि को निरस्त कर शासकीय मेडिकल कालेज के लिए आबंटित किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है। सृष्टि मेडिकल के आस-पास और भी शासकीय भूमि उपलब्ध है, जिसका जरूरत पड़ने पर उपयोग किया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि प्रदेश का राजस्व मंत्री भी कोरबा शहर विधायक हैं।

वे पहल करते हैं और निर्णय ले पाते हैं, तो शहर में ही मेडिकल कालेज स्थापित हो सकता है, जिसका भरपूर लाभ शहर को मिल सकेगा। शहर में उपलब्ध भूमि पर संबंधितों का ध्यान नहीं जाना आश्चर्यजनक है। इसीलिए कहा जा सकता है कि-बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा। बहरहाल यह देखना रोचक होगा कि मेडिकल कालेज को रूमगरा ले जाने की कथित भू-माफियाओं की साजिश कामयाब होती है अथवा नाकाम?

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]