भोपाल: गांधी परिवार के करीबी व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की दिल्ली में सक्रियता बढ़ गई है और उन पर समन्वय की जिम्मेदारी भी पार्टी सौंप रही है।सूत्रों से पता चला हैं कि कमलनाथ को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया सकता हैं।कुल मिलाकर कमलनाथ पार्टी के संकटमोचक की भूमिका में हो सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की दिल्ली में बढ़ती सक्रियता के बीच मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सक्रिय हो चले हैं। बीते एक पखवाड़े में दिग्विजय सिंह कई जिलों का न केवल दौरा कर चुके हैं, बल्कि सड़क पर भी उतरने से नहीं चूके हैं । इसके अलावा शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिख चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिग्विजय सिंह राज्य के 10 साल मुख्यमंत्री रहे हैं जिसके चलते उनके पास अपने समर्थकों की टीम रही है। यही कारण है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी ने समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी थी। पार्टी को परिणाम भी सकारात्मक मिले मगर पार्टी सत्ता पर महज 15 माह ही काबिज रह पाई, सरकार गिरने और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह भी दिग्विजय सिंह को ही माना जाता है। ऐसे में कमल नाथ मध्य प्रदेश छोड़ंेगे, ये बड़ा सवाल है, क्योंकि उन्होंने भी पूरे राज्य में अपनी टीम बना ली है ।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि कमल नाथ पहले महाकौशल तक के नेता माने जाते थे, मगर सत्ता में आने और सत्ता से बाहर होने के बाद उनकी सक्रियता बढ़ी है, जनता में स्वीकार्यता भी बढ़ी है। इसका उदाहरण उप-चुनाव में ग्वालियर-चंबल इलाके के टिकटों का वितरण और विंध्य क्षेत्र में अपनी पसंद के नेता चौधरी राकेश सिंह चतुवेर्दी को जिम्मेदारी देना है। इससे कई नेताओं केा अपना भविष्य सताने लगा है लिहाजा अन्य नेताओं केा सक्रियता तो दिखाना ही पड़ेगी, लड़ाई जो अस्तित्व की है ।
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